सपा कार्यकर्ताओ द्वारा समाजवादी जिला/महानगर समाजवादी पार्टी कार्यालय अर्दली बाजार में वंचित समाज की आवाज और महान समाजवादी चिंतक डॉ. राममनोहर लोहिया जी की जयंती मनाई गयी। इस अवसर पर उनके जीवन दर्शन पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि डॉ. लोहिया एक गांधीवादी चिंतक, राजनीतिक इतिहासकार, अर्थशास्त्री, दार्शनिक तथा विख्यात लेखक थे। वे क्रांतिकारी थे लेकिन उनके विचारों में असाधारण रचनात्मकता थी। विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुवे नि:महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा ने कहा कि लोहिया के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। दलितों, पिछड़ों व असहायों के उत्थान के लिए लोहिया के दिखाए मार्ग का अनुसरण करने की जरूरत है। तभी दबे-कुचले लोग विकास की धारा से जुड़ पाएंगे। वे न केवल एक कुशल राजनेता थे, बल्कि एक अच्छे दार्शनिक भी थे। देश में सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए उन्होंने जमकर संघर्ष किया। इतना ही नहीं वे असामाजिक व सांप्रदायिक ताकतों से जीवन पर्यंत जूझते रहे।
वरिष्ठ नेता डॉ. उमाशंकर सिंह यादव ने कहा कि उन्होंने देश की आजादी के लिए अपने को समर्पित कर रखा था और गांधी जी के साथ कूद पड़े। मैनकाइंड नामक पत्रिका प्रारंभ कर लोगों के बीच क्रांति लाने का काम किए थे। वह हमेशा कहते थे जिंदा कौमें 5 साल इंतजार नहीं करती है और वह यह भी कहते थे की जुल्मी वहीं पैदा होते हैं जहां के लोग दब्बू होते हैं। जिला महासचिव आनंद मौर्य ने कहा कि आज के अनैतिकता, भ्रष्टाचार और पाखंड के दौर में उन्हें याद करना आत्मबल देने वाला है। जिला प्रवक्ता संतोष यादव बबलू एडवोकेट व महानगर महासचिव जितेंद्र यादव ने कहा कि आज उनके संघर्ष, त्याग व तपस्या से सीख लेते हुए समाज के पिछड़े, दलित व वंचित वर्ग के विकास के लिए मिलकर प्रयास करना होगा। क्योंकि सत्ता में बैठे लोग देश के सद्भाव को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे लोगों से समाज को सावधान रहने की जरूरत है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा व संचालन जिला महासचिव आनंद मौर्य व महानगर महासचिव जितेंद्र यादव एवम धन्यवाद ज्ञापन जिला प्रवक्ता संतोष यादव बबलू एडवोकेट ने किया।
विचार गोष्ठी में मुख्य रूप से उमाशंकर यादव, पूर्व प्रत्याशी एमएलसी उमेश प्रधान, रामसिंह यादव, कैन्ट की पूर्व प्रत्याशी पूजा यादव, अजय चौधरी, दिलिप कश्यप, धर्मेंद्र यादव, हर्ष राजभर, तारा खान, श्याम बाबू यादव, बालकिशुन पटेल, इरशाद अहमद, नत्थू सोनकर, शमीम अंसारी, रामकुमार यादव, दीपचंद गुप्ता, दिलशाद अहमद डिल्लू, अखिलेश यादव, हृदय गुप्ता, जयप्रकाश पटेल, लल्लू यादव, मीरा सेठ, सुभाष पाल, सत्यनारायण यादव, संजू विश्वकर्मा, रामदुलार यादव, शतीस यादव, सचिन प्रजापति, दिनेश सिंह, मो० आलम, अखिलेश पाल, दुर्गा प्रसाद, पार्वती कन्नौजिया, डॉ० कुलदीप कुमार, मनोज यादव, रमापति राजभर, इंजीनियर अनिल यादव, आरती कुशवाहा, सुजीत यादव, किशन सोनकर, कैलाश यादव, रुखशाना बेगम, नजमा, राशिदा, व विनोद शुक्ला ने विचार व्यक्त किए।