शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी की जमानत अर्जी खारिज हो गई। सत्र न्यायाधीश डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने नई बस्ती, थाना लालपुर-पाण्डेयपुर निवासी आरोपी सुमित गुप्ता के अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी। अदालत में जमानत अर्जी का विरोध जिला शासकीय अधिवक्ता आलोक चंद्र शुक्ला व वादी के अधिवक्ता इंद्रसेन सिंह गौतम और प्रतिश कुमार राय ने किया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार वादिनी /पीड़िता ने थाना लालपुर- पांडेपुर में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उसका नई बस्ती पांडेयपुर निवासी सुमित गुप्ता से पिछले वर्ष अप्रैल माह से प्रेम संबंध चल रहा था। इस दौरान उसने कई बार शादी की बात कह कर अनेकों बार जबरदस्ती शारीरिक संबंध स्थापित किया गया, परंतु जब उसकी मां को पता चला तब वह अपनी बात से मुकर गया। पीड़िता के परिवार के तरफ से कई बार शादी का प्रस्ताव दिया गया परंतु उसने स्वीकार नहीं किया और पंचायत में फैसला करवाया गया कि वह पीड़िता को चार लाख रुपये देगा, परंतु पीड़िता ने उसके पैसे उन्हें लौटा दिए, फिर लड़के के जन्मदिन पर उसे जन्मदिन की बधाई दी, परंतु उसके तरफ से कोई जवाब नहीं आया और पीड़िता ने भी मैसेज नहीं किया। 25 जुलाई को पीड़िता के जन्मदिन पर लड़के का मैसेज आया, फिर से प्रेम का सिलसिला आगे शुरू करने की बात की गई, फिर से शादी का झांसा दिया गया और अनेकों बार जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया गया और सारे विषय के बारे में जब उसकी मां को पता चला तब वह फिर मुकर गया।