MENU

राष्ट्रपति के अभिभाषण में भारत के 25 वर्षों के भविष्य की सोच : डॉ. दयाशंकर मिश्र



 22/Mar/23

भाजपा द्वारा महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के संसद में दिए गये सारगर्भित अभिभाषण को आमजन तक पहुँचाने की दृष्टि से प्रदेश भर में आयोजित संगोष्ठी के क्रम में प्रदेश सरकार के आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. दयाशंकर मिश्र "दयालु" ने वाराणसी महानगर के मध्यमेश्वर मंडल में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित किया। राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. दयाशंकर मिश्र "दयालु" ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में भारत के 25 वर्षों के भविष्य की सोच झलकती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण से स्पष्ट है कि सरकार गांव, गरीबों, किसानों दलितों, पिछड़ों, शोषितों, दिव्यांगजनों व आर्थिक रूप से पिछड़े तथा मध्यम वर्ग के लोगों को सशक्त बनाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा राष्ट्रपति जी ने अपने अभिभाषण में ग्राम विकास, कृषि विकास, श्रमिक कल्याण, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर सहित पूरे देश के समग्र विकास को प्राथमिकता पर रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार भारत को सुपर इकोनॉमी पावर बनाने के लिए संकल्पित दिख रही है।उन्होंने कहा राष्ट्रपति के अभिभाषण से स्पष्ट है कि सरकार  भारत को विकसित भारत बनाने की परिकल्पना को साकार रूप देने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा सरकार देश के नागरिकों को सामाजिक न्याय, समानता, सम्मान व समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा राष्ट्रपति का अभिभाषण महज वर्ष 2023- 24 के डेवलपमेंट का एजेंडा नहीं है बल्कि देश के लिए अगले 50 साल हेतु विकसित अर्थव्यवस्था की बुनियाद रखने वाला ब्लूप्रिंट भी है।

संगोष्ठी में मंडल अध्यक्ष संदीप चौरसिया, अमित सिंह, जनसंपर्क अधिकारी गौरव राठी, नीरज जायसवाल, राकेश सिंह "गुड्डू", हरीश श्रीवास्तव, अभय स्वाभिमानी, रत्नेश गुप्ता, शिवाजी यादव, दुर्गा सेठ, संतोष सैनी, संजय शाह "मुन्ना" आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।


इस खबर को शेयर करें

Leave a Comment

5043


सबरंग