विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम न्यायालय (द्वितीय) रजत वर्मा की अदालत में दिनांक 17 मार्च 23 को सरकार बनाम जिया लाल निर्मल इलाहाबाद अंतर्गत धारा 411 व 60/63 आबकारी अधिनियम के अपराध के अंतर्गत जमानत प्राथर्ना पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसमें आरोपित जिया लाल निर्मल को एक-एक लाख रुपये की दो जमानते एवं बंधपत्र देनें पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता कलीम फरहत, नियाज़ अहमद अंसारी व अमित सिंह का पक्ष रखा।
अभियोजन कथानक के अनुसार 10 अप्रैल 2020 को प्रभारी निरीक्षक जनपद प्रयागराज अपने सहयोगी पुलिस कर्मियों के साथ अपने क्षेत्र में मौजूद थे, सूचना मिली कि 2 व्यक्ति गाड़ी में शराब रख कर बेचने ले जा रहे हैं, वह मौके पर पहुँच कर कार रोकी उसमे बैठे लोगों की तलाशी ली गई, जिसमें प्राथी अभियुक्त भी शामिल हैं। उक्त ऑल्टो कार के पिछली शीट पर प्लास्टिक की बोरी में 17 शीशी प्लास्टिक की शराब जिसपर क्रेजी रोमियो का टैग लगा था। ये शराब अरुणाचल प्रदेश में बिक्री हेतु थी। जो 180 मिली मात्रा में बरामद हुई, दोनों व्यक्तियोँ द्वारा बताया गया कि थाना सोराओ के राजकुमार मुंसी से उनका मिलना जुलना है। उन्ही के माध्यम से उनका जान पहचान दीवान विजय बहादुर यादव से हुई जो कि कुछ दिन पहले ये शराब बेचने को दिया था।
प्राथी अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता कलीम फरहत, नियाज़ अहमद अंसारी व अमित सिंह का तर्क है कि प्रार्थी अभियुक्त को मामले में झूठा फसाया गया है व झूठा बरामदगी दिखाई गई है।