प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान तथा राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में विकास भवन कार्यालय में जिलाधिकारी एस. राजलिंगम और मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की ओर से गोद लिए गए क्षय रोगियों से मुलाक़ात की और उनके उपचार एवं पोषण स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। 15 फरवरी को जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी समेत कई अधिकारियों ने 10-10 क्षय रोगियों को गोद लेकर उनके उपचार व पोषण में सुधार लाने की पहल की थी। जिलाधिकारी ने गोद लिए गए सभी क्षय रोगियों से विकास भवन में व्यक्तिगत मुलाकात कर उनसे बातचीत की एवं उन्हें सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि मरीजों को अपने पोषण पर विशेष ध्यान देना चाहिए तथा दवाई में कभी भी व्यवधान नहीं होना चाहिए अर्थात दवाई नियमित रूप से खानी चाहिए। किसी भी समस्या होने पर तत्काल सरकारी चिकित्सालय में संपर्क करना चाहिए। मुख्य विकास अधिकारी ने भी गोद लिए गए सभी क्षय रोगियों से उनके स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधित बिंदुओं पर वार्ता की। उन्हें अन्य सरकारी सुविधाएं जैसे आयुष्मान भारत कार्ड, वृद्धा पेंशन योजना का लाभ नियमानुसार प्रदान करने के लिए कहा गया। इसके साथ ही समय-समय पर मरीजों से स्वयं बातचीत कर उनका हालचाल लेते रहने के लिए कहा।
इस मौके पर सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि जनपद में वर्तमान में करीब 6330 सक्रिय टीबी रोगी हैं जिनका उपचार चल रहा है। इसमें से 4174 क्षय रोगियों ने गोद लिए जाने के लिए अपनी सहमति दी है और उन्हें विभिन्न अधिकारियों व अन्य लोगों ने गोद लिया गया है। समस्त टीबी रोगियों को नियमित हर माह पोषण पोटली प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही क्षय रोगियों को गोद लेने वाले सभी निक्षय मित्र उनके उपचार में सहयोग कर रहे हैं।