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वाराणसी महिला व्यापार मण्डल अध्यक्ष सुनीता सोनी ने कोविड कॉल में निजी स्कूलों के द्वारा 15% फीस वापस न करने के मामले में जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन



 23/Feb/23

कोविड कॉल में वाराणसी के लगभग आधा दर्जन स्कूलों के द्वारा वसूली गई फीस का 15 % प्रतिशत वापस करने के लिए माननीय हाईकोर्ट और सूबे की योगी सरकार के शासनादेश के बावजूद पालन न किए जाने के संदर्भ में वाराणसी महिला व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुनीता सोनी ने जिलाधिकारी ज्ञापन सौंपा है।

बता दें कि कोरोना कहर में जिस वक्त पूरे देश के नागरिक जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे थे, सरकार से लेकर सामाजिक सरोकार से जुड़े प्रत्येक सक्षम व्यक्ति और संस्थाओं ने लोगों की मदद के लिए बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। लेकिन आपदा में भी अवसर की तलाश में जुटे बनारस के कुछ निजी स्कूल संचालकों जिनमें DPS वाराणसी, सेंट जॉन्स DLW, मंडोली, लेढ़ुपुर, अतुलानंद गिलट बाजार शिवपुर, WH स्मिथ सिगरा, आर्य महिला नागरमल लहुराबीर, सेंट मैरी नदेसर के प्रबंधन ने अभिभावकों को फीस में कोई भी छूट देने से मना कर दिया है । स्कूलों की इस मनमानी के खिलाफ अभिभावकों की ओर से माननीय उच्च न्यायालय में दाखिल की गई जनहित याचिका में बाकायदा सभी निजी स्कूल संचालकों को कोविड कॉल में निर्धारित फीस का 15% अभिभावकों को वापस लौटाने का निर्देश दिया गया है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी बाकायदा शासनादेश जारी कर निजी स्कूल संचालकों को निर्देशित किया है कि कोरोना कॉल में अभिभावकों से वसूली गई फीस का 15% वापस करना जरूरी है।

इसी मामले को लेकर वाराणसी महिला व्यापार मंडल की तेजतर्रार अध्यक्ष सुनीता सोनी के नेतृत्व में आज 23 फरवरी को एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी यश राजलिंगम से मिलकर निजी स्कूलों संचालकों के विरुद्ध इस आशय का एक प्रार्थना पत्र दिया है की उपरोक्त विद्यालय संचालकों के द्वारा कोविड कॉल में अभिभावकों से वसूली गई फीस का 15% प्रतिशत वापस न करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करेने की मांग किया है।
बताते चलें कि कोरोना कॉल में पूर्वांचल स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दीपक मधोक की पहल पर शहर के अधिकांश निजी स्कूल संचालकों ने शासन की मंशा के अनुसार पहले ही फीस में 15% प्रतिशत और कई विद्यालय संचालकों ने उससे भी ऊपर छूट दिया है।

ऐसे में जिन निजी स्कूल संचालकों ने कोर्ट के आदेश और सरकार के शासनादेश की परवाह किए बिना अभिभावकों से वसूली गई थी 15% वापस न करने की जिद पर अड़े हैं, उन्हीं के विरुद्ध सुनीता सोनी ने मोर्चा खोल दिया है।
अब देखना है कि योगी सरकार के शासनादेश का स्कूल संचालकों कितना असर पड़ता है यह तो आने वाला वक्त बताएगा।


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