कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के निर्देशानुसार पूरे देश में मौजूदा अडानी प्रकरण तथा उसमें सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संलिप्तता व खामोशी तथा उस पर कोई जांच न करने को लेकर पूरे देश में शुरू किए गए हम अडानी के हैं कौन श्रृंखला के तहत आज जिला एवं महानगर कांग्रेस कमेटी, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में हम अडानी के हैं कौन विषय पर पत्रकारवार्ता का आयोजन मैदागिन स्थित कांग्रेस कार्यालय, राजीव भवन में आयोजित हुई। देश में बढ़ती महंगाई, उच्चतम बेरोजगारी और कुशासन की विफलताओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित विभाजनकारी एजेंडे का दंश झेल रहे देशवासियों के साथ कांग्रेस पार्टी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। लेकिन एक जिम्मेदारी विपक्षी दल होने के नाते हम सत्ता के मित्र पूंजीपतियों को सरकारी खजाने की लूट की खुली छूट और प्रधानमंत्री से संबंधित इस पूरे अडानी महाघोटाले में हो रहे घोटालों से भी चिंतित हैं। देशवासी जानना चाहते हैं कि कैसे एक संदिग्धसाख वाला समूह, जिस पर टैक्स हेवन देशों से संचालित विदेशी शेल कंपनियों से संबंधों का आरोप है, भारत की संपत्तियों पर एकाधिपत्य स्थापित कर रहा है और इस सब पर सरकारी एजेंसियांया तो कोई कार्यवाही नहीं कर रही है या इन सब संदिग्ध गतिविधियों को ही सुगम बनाने में जुटी हैं। हम जानना चाहते हैं कि मोदी सरकार इस मुद्दे पर जाँच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति बनाने से क्यों डर रही है जबकि संसद के दोनों सदनों में उसका अच्छा बहुमत है।
प्रधानमंत्री ने कई बार भ्रष्टाचार से लड़ने में अपनी निष्ठा और नीयत की बातें की हैं लेकिन उनके करीबी मित्र स्पष्ट तौर पर ऐसे अवैध कार्यों में लिप्त रहे हैं जो आम तौर पर माफिया, आतंकी और शत्रु देश रहते हैं। वर्षों से प्रधानमंत्री मोदी ने ईडी, सीबीआई और डीआरई जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग अपने राजनीति या सैद्धांतिक प्रतिद्वंदियों को डराने-धमकाने के लिए किया है।
अडानी समूह के खिलाफ स्टॉक में हेरफेर के आरोपों के सार्वजनिक होने के बाद शेयरों की कीमतों में गिरावट से उन लाखों निवेशकों को नुकसान पहुंचा जिन्होंने कृत्रिम रूप से बढ़ी हुई कीमतों पर अडानी समूह के शेयरों में निवेश किया था। एलआईसी द्वारा खरीदे गये अडानी समूह के शेयरों का मूल्य 30 दिसंबर, 2022 को 83000 करोड़ रुपये था जो 15 फरवरी 2023 को घटकर 39000 करोड़ रुपये रह गया, यानि 30 करोड़ एलआईसी पॉलिसी-धारकों की बचत के मूल्य में 44000 करोड़ रुपये की कमी। 2001 के केतन पारेख घोटाले में सेबी ने पता लगया था कि शेयर बाजार में हेरफेर करने में अडानी समूह के प्रमोटरों के साथ दिया था। समूह पर मौजूदा आरोपों से यह चिंताजनक रूप से समान है।
1 फरवरी को अपने मित्र काल बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की अगले चरण में 50 और हवाई अड्डे हेलीपोर्ट और और बाटर एयरोड्रम को पुर्नजीवित किया जाएगा। इनमें से से कितने अडानी को लाभ पहुँचाएंगे। अडानी समूह बहुत ही कम समय में भारत के हवाई अड्डो का सबसे बड़ा संचालक बन गया है।
आज अडानी समूह 13 बंदरगाहों और टर्मिनल्स को नियंत्रित करता है, जो भारत की बंदरगाह क्षमता का 30 प्रतिशत और कुल कंटेनर आवाजाही का 40 प्रतिशत है। मोदी जी ने अपने पास उपलब्ध सभी साधनों का इस्तेमाल करके बंदरगाहों के क्षेत्र में भी अडानी का आधिपत्य स्थापित करने में मदद की। सरकारी रियायत वाले बंदरगाह बिना किसी बोली के अडानी समूह को बेच दिये गए हैं।
यह सार्वजनिक जानकारी में है कि गौतम अडानी प्रधानमंत्री मोदी के अनेक विदेश यात्राओं में उनके साथ गए। 4-6 जुलाई 2017 की इजराइल यात्रा के बाद उन्हें भारत-इजराइल रक्षा संबंधों के संदर्भ में एक लाभ दिलाने वाली भूमिका सौंप दी गई है।
यूपीए ने वर्ष 2010 में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी द्वारा बगेरहाट, बांग्लादेश में 1320 मेगाबाट का थर्मल वाटर प्लांट लगाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी जी ने अपने मित्रों की मदद करने का निर्णय लिया और 6 जून 2015 को उनकी ढाका यात्रा के दौरान यह घोषणा की गई कि अडानी पावर बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति करने के लिए झारखंड के गोंडा में एक थर्मल पावर प्लांट का निर्माण करेंगे।
मोदी सरकार ने पिछले 9 सालों मे सीएजी, सीबीआई जैसी सभी सरकारी एजेंसियों और संस्थाओं पर चाहे नियंत्रण कर लिया हो लेकिन सत्य हमेशा सामने आ ही जाता है, उसे ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर दबाया नहीं जा सकता है। कृपया इंतजार करिये और देखिये यह सिर्फ शुरूआत है, बीजेपी के कई और गुप्त भेद आते समय में उजागर होंगे।
पत्रकारवार्ता को वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व जिलाध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा, पूर्व महानगर अध्यक्ष सीताराम केसरी तथा मौजूदा जिला एवं महागर अध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल तथा राघवेंद्र चौबे ने संबोधित करते हुए सिलसिलेवार तरीके से इस पूरे महाघोटाले और उसके देश पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर जिला एवं महानगर अध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल, राघवेंद्र चौबे, प्रजानाथ शर्मा, सीताराम केसरी, दुर्गाप्रसाद गुप्ता, महानगर उपाध्यक्ष डॉ. राजेश गुप्ता, सोशल मीडिया के महानगर अध्यक्ष मुहम्मद उबैर, पिछड़ा प्रकोष्ठ के महानगर अध्यक्ष आशीष कुमार,महानगर महासचिव रोहित दूबे, किशन यादव प्रमुख रूप से उपस्थित थे।