दहेज़ उत्पीड़न के मामले में पति समेत छः आरोपितों को अदालत से बड़ी राहत मिल गयी है। अपर सिविल जज (जूनियर डिविजन) ग्यारहवाँ / न्यायिक मजिस्ट्रेट निधि पांडेय की अदालत ने पति मोहम्मद सुहैल, ससुर नुरूल हुदा, सास जमीला खातून, देवर मोहम्मद शोएब, देवर मोहम्मद शकील व नन्द उजमा को संदेह का लाभ देतें हुए बरी कर दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक कुमार दूबे ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार वादिनी की 27 अप्रैल 2019 को मोहम्मद सुहैल काजीसादुल्लाहपुरा थाना जैतपुरा निवासी के साथ इस्लामी रीति-रिवाज के शादी हुई थी। विवाह में वर वधू को घर वालों ने अपनी हैसियत के मुताबिक कपड़े, सामान, जेवर, गहना, सोने, चांदी के उपहार आदि दिए थे, जिसके साथ विदा होकर प्रार्थिनी अपने ससुराल चली गई और अपने कर्तव्यों का पालन करने लगी। प्रार्थिनी का पति मोहम्मद सुहैल निहायत ही झगड़ालू, बदतमीज व सर्कस किस्म का व्यक्ति है और जरा जरा सी बात पर वह प्रार्थिनी को मारता पीटता व प्रार्थिनी के साथ जबरदस्ती पशुवत व्यवहार करता है। कुछ दिनों से प्रार्थिनी के ससुराल वालों का व्यवहार बहुत ज्यादा खराब हो गया। प्रार्थिनी 11 अगस्त 2020 को रात में जब अपने कमरे में गई थी तो उसी समय प्रार्थिनी को उसके पति से कुछ कहासुनी हो गई तथा प्रार्थिनी के पति मोहम्मद सुहैल, ससुर नुरूल हुदा, सास जमीला खातून, देवर मोहम्मद शोएब, देवर मोहम्मद शकील व नन्द उजमा परवीन उपरोक्त विपक्षियों ने प्रार्थिनी कमरे में आकर भद्दी भद्दी गालियां देते हुए लात घुसा से मारा पीटा। प्रार्थिनी के पेट में 2 माह का गर्भ था। विपक्षियों ने उसे भी मार दिया और गर्भपात करा दिया। प्रार्थिनी ने उसका विरोध किया तो विपक्षियों ने प्रार्थिनी के मुह में दुपट्टा ठूसकर प्रार्थिनी के शरीर में मिट्टी का तेल डालकर जलाने की कोशिश किया। विपक्षियों ने मानसिक व शारीरिक रूप से प्रार्थिनी को प्रताड़ित करते रहे और कहे कि अपने मायके से पांच लाख रुपये मांगकर लाओ नहीं तो तुम्हरी जिन्दगी बर्बाद कर देंगे और तुम्हारे घर वालों को झूठे मुकदमो में फंसा देगे। प्रार्थिनी शमा परवीन के साथ उसका पति पशुवत व्यवहार करता था। 12 अगस्त 2020 को समय लगभग पांच बजे भोर में बगल वाले मकान से कूद कर भाग कर अपने मायके चली आयी और किसी तरह अपनी जान बचायी और प्रार्थिनी सारी बात अपने मायके वालो को बतायी।