कबीर एवं निर्गुण विषय पर एकाधिकार से बोलने वाले वक्ता, शिक्षक एवं लेखक डॉ. पुरूषोत्तम अग्रवाल सनबीम लहरतारा के प्रांगण में स्कूली छात्र-छात्राओं से मुखातिब हुए। उन्होंने कबीर एवं निर्गुण पर केंद्रित विषय तू जाग सके तो जाग पर अपना वक्तव्य रखा। मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. अग्रवाल ने छात्रों को बताया कि समाज किसी धर्म या आडंबर से नहीं बल्कि मानवता और परोपकार से चलता है। सही को सही और ग़लत को ग़लत कहने की क्षमता ही आपको कबीर बनाता है। कबीर कोई मार्ग नहीं बल्कि अन्तर आत्मा की परम सत्ता है। वे कोई उपदेशक नहीं, गहरे कवि, आलोचक और समीक्षक भी हैं।
इस सारगर्भित वक्तव्य सत्र का शुभारंभ डॉ. पुरूषोत्तम अग्रवाल उनकी धर्मपत्नी डॉ सुमन केसरी, सनबीम शिक्षण समूह के अध्यक्ष डॉ दीपक मधोक, निदेशिका भारती मधोक, उप निदेशिका अमृता बर्मन एवं इंटैक वाराणसी के संयोजक अशोक कपूर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन कर किया। स्वागत सम्भाषण में डॉ. दीपक मधोक एवं भारती मधोक ने कहा कि, यह बच्चों के लिए सौभाग्य का विषय है कि डॉ. पुरूषोत्तम अग्रवाल जैसे वरिष्ठ लेखक को उन्हें सुनने का अवसर मिला है। उनको सुनने का मतलब उनके वृहद अनुभव से भरे जीवन यात्रा को सुनना है। समूह की उप निदेशिका अमृता बर्मन ने कहा कि ऐसे अवसर बच्चों को वो शिक्षा देते हैं जो उन्हें नियमित रूप से चलने वाले कक्षाओं में शायद नहीं मिल पाता ऐसे सत्र उन्हें बेहतर से बेहतरीन बनाते हैं।
कार्यक्रम का संचालन सनबीम लहरतारा के कक्षा 11 की छात्रा माही केडिया ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सनबीम लहरतारा की प्रधानाचार्या परवीन क़ैसर ने किया।