संत रविदास की जयंती पर उनकी जन्मस्थली वाराणसी के सीर गोवर्धनपुर में पंजाब से लेकर सात समुंदर पार से भी रैदासी यहां पहुंचे। उसी पावन जन्म स्थली पर सूबे के CM योगी ने संत रविदास मंदिर में पहुंचकर मत्था टेका
बता दें कि संत रविदास की वाणी "मन चंगा तो कठौती में गंगा" कह कर संत रविदास ने समाज को कर्म का बड़ा ही व्यापक संदेश दिया है।
बताते चलें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 5 फरवरी रविवार को सुबह 9:30 बजे श्रमसाधक संत रविदास की 646वीं जयंती पर सीरगोवर्धनपुर स्थित मंदिर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने संत के चरणों में शीश नवाया, फिर भक्तों और श्रद्धालुओं को संत रविदास जयंती की बधाई दी। साथ ही रविदासिया धर्म के प्रमुख संत निरंजन दास से मुलाकात करके उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुभकामना संदेश पढ़कर सुनाया।
सीएम ने संत रविदास के चरणों में फूल-माला अर्पित करने के पश्चात कुछ देर के लिए मंदिर में ही बैठ गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सदगुरु ने भक्ति के साथ ही कर्म साधना को सदैव महत्व दिया। मैं, आज सबसे पहले केंद्र और राज्य सरकार की ओर से उपस्थित सभी श्रद्धालुओं, भक्तों और सीर गोवर्धन से जुड़े सभी शुभचिंतकों को लख लख बधाइयां देता हूं।
आज से 646 वर्ष पहले काशी की इस पावन धरा पर एक दिव्य ज्योति प्रकट हुई। तत्कालीन भक्तिमार्ग के प्रख्यात संत सद्गुरु रामानंद महाराज के सानिध्य में संत रविदास ने अपनी तपस्या और साधना के माध्यम से सिद्धि प्राप्त की। उसी सिद्धि के प्रसाद स्वरूप मानवता के कल्याण का मार्ग आज किस तरह प्रशस्त हो रहा है।
ये बाते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संत रविदास की जन्मस्थली पहुंचकर कही ।
कुल मिलाकर आज धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में संत रविदास की जयंती के पर सुबह से लेकर देर रात तक रविदासिया समाज के लोगों ने जुलूस निकाल कर अपनी खुशी का इजहार किया।