अस्पताल के कर्मचारियों ने 3 हजार रुपए के लिए गरीब को नहीं दिया था बच्चा
भले ही सूबे की योगी सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉरेंस की बात कर रही है, लेकिन भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला वाराणसी के कबीरचौरा स्थित महिला हॉस्पिटल का है। आरोप है की दशाश्वमेध क्षेत्र की एक गरीब महिला जो दशाश्वमेध घाट पर भीख माँग कर अपना जीवन यापन करती है, गुरुवार की रात को महिला को डिलेवरी पेन हुआ महिला और उसके साथ आस-पास की कुछ महिलायें रात्रि में ही उसे लेकर कबीरचौरा महिला अस्पताल पहुँची जहां उसे रात्रि 3 बजे बच्चा हुआ। आरोप है कि सुबह कुछ अस्पताल के कर्मचारीयों के द्वारा उक्त गरीब महिला से तीन हजार रुपये का मांग किया और रूपया न देने के कारण बच्चे को आईसीयू में रख लिया गया और महिला को हॉस्पिटल से भगा दिया गया।
इस पूरे प्रकरण की जानकारी वाराणसी व्यापार मंडल अध्यक्ष अजीत सिंह ‘बग्गा’ की संगठन से जुड़ी पूर्वांचल महिला व्यापार मंडल के अध्यक्ष चांदनी श्रीवास्तव को हुई तो उन्होंने अपनी दर्जनों समर्थकों के साथ सोमवार को राजकीय जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा पहुंचकर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी से मिलकर इस घटना की पूरी जानकारी दिया और प्रसूता को करीब 2 घंटे के अथक प्रयास के बाद पीड़ित महिला को उसका बच्चा मिल गया। लेकिन इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे कि एक दिन बाद बच्चा मर गया।
पूर्वांचल महिला व्यापार मंडल के पदाधिकारियों का आरोप है कि सोमवार को जिस बच्चे को महिला अस्पताल कबीरचौरा से गरीब महिला को दिलवाया था, आज उसकी जान चली गई। महिलाओं का सीधे आरोप है कि कबीरचौरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों और वहां के कर्मचारियों के द्वारा लापरवाही की वजह से यह नौबत आयी है। कहा कि जब बच्चे को आईसीयू की जरूरत थी तो हमलोगों ने जब बच्चे को गरीब महिला को दिलवाया तो डॉक्टरों को उसकी स्थिति से अवगत कराना चाहिये था। लेकिन डॉक्टर ने बिना कुछ बताए बच्चे को दे दिया।
व्यापारी नेताओं ने कहा कि अगर बच्चा कमजोर था और उसे आईसीयू की जरूरत थी तो बच्चा मां को नहीं देना चाहिये। व्यापारी महिलाओं ने केंद्र की मोदी और सूबे की योगी सरकार से मांग किया है कि बनारस के सरकारी अस्पतालों में नवजात बच्चे की जान जाना चिकित्सकों की लापरवाही है इसकी जितनी भी निंदा की जाये कम है। इसे तत्काल संज्ञान में लेकर दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करनी चाहिये।
चिकित्सीय लापरवाही के बारे में व्यापारी नेताओं का आरोप है कि प्रसूता के प्रसव के समय कौन महिला चिकित्सक मौजूद रही उसका उल्लेख अस्पताल के किसी कागज पर नहीं है।
उन्होंने सरकार से मांग किया है कि गरीब और सड़क पर भीख मांगने वाले लोग पैसे के अभाव में कहां जायें। फिलहाल महिला व्यापार मंडल की नेताओं ने गरीब और बेसहारा महिला की कमजोर स्थिति को देखते हुए उसके रहने व खाने की व्यवस्था कराया है।
इस पूरे मामले में पूर्वांचल महिला व्यापार मण्डल अध्यक्ष चांदनी श्रीवास्तव, महामंत्री प्रिया अग्रवाल, निर्मला देवी, अंजु गुप्ता, आशा गुप्ता आदि का विशेष सहयोग रहा।