सर्दियों के मौसम में अक्सर बच्चों को कॉमन कोल्ड की समस्या हो जाती है। इस विषय पर क्लाउन टाइम्स के रिपोर्टर ने रविन्द्रपुरी स्थित डॉ-मिनहाज हुसैन से की सीधी बात। डॉ. मिनहाज हुसैन ने बताया कि कॉमन कोल्ड के लक्षण हैं नाक का बहना, छींक आना, आंखों से पानी बहना एवं बुखार का आना। कॉमन कोल्ड वातावरण में पाये जाने वाले वायरस के सम्पर्क में आने से होता है। जब बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी होती है और बच्चा वायरस के सम्पर्क में आता है तो उपर्युक्त लक्षण दिखने लगते हैं। डॉ. मिनहाज ने आगे बताया कि श्वसन तंत्र में संक्रमण की वजह से कॉमन कोल्ड की बीमारी होती है। यदि घर मे बड़े लोगो को यह बीमारी होती है तो उनके सम्पर्क में आने वाले बच्चे तुरंत संक्रमित हो जाते है। ऐसा इसलिये क्योंकि सर्दियों में लोग बन्द कमरे में रहते है, जहां वायरस आसानी से फैलते है।
माताओं को कॉमन कोल्ड से बहुत घबराने की जरूरत नही है। ये 7 से 8 दिन में ठीक हो जाता है यदि बच्चे की नाक से घरघराहट की आवाज आ रही है या सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत योग्य चिकित्सक को दिखाना चाहिए। जब भी डॉ. के पास जाएं तो बच्चे का वजन एवं लंबाई अवश्य चेक कराये इससे पता चलता है कि बच्चा स्वस्थ है या नहीं।
यदि घर मे बड़े लोगो को इंफेक्शन है तो वे बच्चों से दूरी बना कर रखें। बच्चों को छूने से पहले हाथ अच्छे से धोयें, खांसते वक्त मुँह ढककर रखें। बच्चों के अन्दर भी हाथ धोने की आदत डालें। बच्चों के खिलौनों को भी साफ करके सैनिटाइज कर लें। बाहरी एक्सपोज़र से बच्चों को बचाएं। बच्चों का नियमित टीकाकरण अपने बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह से अवश्य करायें। नियमित टीकाकरण करवा के बच्चों को विभिन्न इंफेक्शन एवं बीमारियों से बचाया जा सकता है।
डॉ मिनहाज ने आगे बताया कि बच्चे की नाक से खरखराहट या नाक बंद होने की स्थिति में उसे म्युकस सकर, स्टीम से या नासोक्लीयर ड्राप द्वारा साफ किया जाता है। बच्चे को समय समय से लिक्विड पेय जैसे नीबू-पानी,चीनी-पानी की मात्रा गुनगुना करके देते रहना चाहिये। हाइड्रेशन मेन्टेन रहने पर बच्चा 7 से 8 दिन में ठीक हो जाता है। यदि बच्चे का बुखार न उतरे, दूध,पानी न पीये, सांस लेने में दिक्कत हो,हाथ, पैर और होंठ नीले पड़ें, बच्चा सुस्त हो जाये तो ऐसी स्थिति में बिना समय गंवाये तुरन्त योग्य बाल रोग विशेषज्ञ को दिखायें।