वाराणसी। अधिवक्ता पर प्राणघातक हमले के मामले में आरोपितों को राहत नहीं मिली। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ढाका, चौबेपुर निवासी पांच आरोपितों उपवन दूबे, उसके पिता घनश्याम दूबे, चाचा महेंद्र शंकर दूबे, दो चचेरे भाई धीरज दूबे और रंजन दूबे की अंतरिम जमानत अर्जी सुनवाई के बाद खारिज कर दी। साथ ही नियमित जमानत के लिए 12 जनवरी की तिथि नियत कर दी। अदालत में जमानत अर्जी का विरोध वादी के अधिवक्ताओं अनुज यादव, बृजेश सोनकर व मो. आसिफ ने किया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार ढाका, कैथी (चौबेपुर) निवासी शालिनी देवी ने 31 जुलाई 2020 को चौबेपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि सुबह 10 बजे उसके पड़ोस में रहने वाले घनश्याम दूबे, महेंद्र शंकर दूबे, श्याम सुंदर दूबे, पवन दूबे, उपवन दूबे, अतीश दूबे, धीरज दूबे व रंजन दूबे पुरानी रंजिश को लेकर उसके घर पर चढ़ आये और गालियां देने लगे। जब उसके परिवार वालों ने मना किया तो वह लोग उग्र हो गए और उनलोगों ने जान से मारने की नीयत से लाठी-डंडे से उसके पति अधिवक्ता रामाश्रय दूबे के साथ दो पुत्रों अवनीश दूबे व ज्ञानेंद्र दूबे को बुरी तरह से मारना-पीटना शुरू कर दिया। जिससे वे लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जिसके बाद उसके पति व पुत्र को बेहोशी की हालत में थाने लाया गया, जहां से बाद में उन्हें उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। इस मामले में चौबेपुर पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी मामले में पांचों आरोपितों ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर अंतरिम जमानत के लिए अर्ज़ी दी थी।