काशी के प्रमुख शिक्षाविद डॉ.सत्यदेव सिंह को यूपी के सीएम योगी जी ने एक प्रोजेक्ट दिया था कि श्री विश्वनाथ कॉरिडोर के बनने से काशी के व्यवसायियों के ऊपर क्या प्रभाव पड़ा। क्लाउन टाइम्स की टीम ने डॉ.सत्यदेव सिंह से एक अनौपचारिक मुलाकात में जानने की कोशिश की कि वर्ष 2022 काशी के व्यवसाइयों के लिए कैसा रहा । डॉ.सत्यदेव सिंह ने बताया कि काशी के पर्यटन से जुड़े किसी भी व्यवसाय के लिए चाहे वह होटल व्यवसायी हों, कपड़े के व्यापारी हों, चाहे वो नाव चलाने वाले हो,चाहे वो टैक्सी चलाने वाले हो चाहे वो ऑटो चलाने वाले हो,रेहड़ी,पटरी व्यवसाई ,पूजा सामग्री बेचने वाले सभी के लिए 2022 एक अप्रतिम अच्छा वर्ष रहा जिसमें सब की इनकम में बढ़ोतरी दर्ज की गई योगी जी ने मुझे प्रोजेक्ट दिया था कि विश्वनाथ कॉरिडोर बनने से काशी के व्यवसायियों के ऊपर क्या प्रभाव पड़ा। मैंने एक शिक्षाविद और रिसर्चर के रूप में इसका अध्ययन किया और अध्ययन में हर वर्ग के 20-20 लोगों का चयन किया,उनसे बात की, इंटरव्यू लिया और इस नतीजे पर पहुंचा कि कि सभी के इनकम में लगभग 70 प्रतिशत बढ़ोत्तरी, श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद हुई है। वर्ष 2022 काशी वासियों के लिये व्यवसाय की दृष्टि से बहुत ही सुनहरा वक्त रहा है।
एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को असली जामा पहनाने के लिए काशी तमिल संगमम का आयोजन किया गया।निश्चित रूप से इसके राजनीतिक मायने हैं। अगर कोई भी राजनेता कोई भी कार्य करता है तो उसके कहीं न कहीं राजनीतिक मायने तो होते ही हैं ।राजनीतिक मायने की बात करें तो तमिलनाडु में भाजपा का प्रभाव बढ़ाने के लिए काशी तमिल संगमम का आयोजन किया गया।तमिलनाडु के लोगों को काशी में आमंत्रित करके उन्हें मुफ्त में यात्रा,भोजन और रहने की व्यवस्था दिया गया।क्योंकि दक्षिण भारत के लोगों की बाबा विश्वनाथ में अटूट आस्था है, इसलिए उन्हें काशी और बाबा विश्वनाथ से जोड़कर भाजपा उनके दिलों में एक स्थान बनाकर निश्चित रूप से अपना प्रभाव बढ़ाना चाहती है। इस तरीके से भारत के नागरिकों के दिल में अगर कोई राजनेता अपनी जगह बनाकर अपना प्रभाव,अपनी पार्टी का प्रभाव बढ़ाना चाहता है तो इसमें कहीं से कोई बुरी बात नहीं है। इसलिए कहा जा सकता है कि काशी तमिल संगमम के आयोजन के द्वारा भाजपा दक्षिण भारत में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहती है। इसमें कोई बुरी बात नहीं है यह तो अच्छी बात है।
आगे उन्होंने बताया कि निश्चित रूप से काशी तमिल संगमम एक सांस्कृतिक आयोजन था और जैसे उन्होंने तमिलनाडु के लोगों को काशी लाकर यहां की संस्कृति से,यहां के लोगों से एवं काशी की सांस्कृतिक धरोहरों से रूबरू करवाया उसी प्रकार काशी के लोगों को यदि वे तमिलनाडु ले जाते और वहां की संस्कृति और धरोहरों से काशी के लोगों को रूबरू कराते तो यह भी एक अच्छा कदम होता। निश्चित रूप से देश के विभिन्न प्रांत के लोगों को एक दूसरे के बारे में यदि भाजपा जानने समझने और रूबरू करने का मौका प्रदान करती है तो यह वास्तव में एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने जैसा ही है।