विद्युत मजदूर पंचायत उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधियों एवं सदस्यों के एक बैठक आर के वाही की अध्यक्षता में 5 जनवरी को भिखारीपुर स्थित यूनियन भवन में हुई। जिसको संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि विद्युत विभाग के शीर्ष प्रबंधन द्वारा जहां अभियंताओं के पद रिक्त होते ही उनकी पदोन्नति कर दी जा रही है किंतु वहीं कर्मचारियों के वर्षों से रिक्त पड़े पदों पर अभियंताओं द्वारा कर्मचारियों को पदोन्नति में हीला हवाली की जा रही है, पदोन्नति प्राप्त कर्मचारियों के समय बद्ध वेतनमान / एसीपी में एक संवर्ग को लाभ प्रदान कर दिया जा रहा है वही लाभ प्राप्त करने वाले संवर्ग द्वारा कर्मचारियों के अन्य वर्गों के कर्मचारियों के मामले के निस्तारण में भेदभाव व हीला हवाली की जा रही है। मृतक आश्रितों की नियुक्ति के नियमों में परिवार के सभी सदस्यों का साक्षात्कार लिए जाने की व्यवस्था ना होने के बावजूद खंड, मंडल एवं जोन स्तर पर परिवार के बालिक,नाबालिक,विवाहित अविवाहित सभी सदस्यों का स्थानीय स्तर पर साक्षात्कार लिए जाने की व्यवस्था कर नियुक्ति में अत्यधिक विलंब किया जा रहा है एवं इसमें वाराणसी जोन प्रमुख है एवं अनुमोदन प्रदान करने में अत्यधिक विलंब किया जा रहा है वक्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि मृतक एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों के देयो के भुगतान में भी भेदभाव एवं विलंब किया जा रहा है तथा पेंशन पत्रावली के निस्तारण में सभी स्तरों पर विशेषकर खंड एवं प्रबंध निदेशक कार्यालय से निस्तारण में विलंब होने से पेंशन स्वीकृत होने में वर्षों का समय लग जा रहा है।
साथ ही आज निदेशक (का.एवं प्रशा.) से विधुत मज़दूर पंचायत उ0प्र0 का एक प्रतिनिधि मंडल मिलकर उक्त समस्याओं के साथ 10 मण्डल के परिचालन और अनुरक्षण का टेंडर हुआ है जिसमे वर्तमान में मिल रही वेतन जैसे कुशल श्रमिक जिसको अभी न्यनतम वेतन रुपया 12005 और अकुशल श्रमिक का रुपया 9743 मिल रहा किंतु इसबार इससे भी कम रेट पर कर दिया गया है जबकि हमारी मांग रुपया 15500 और रुपया 14000 देने की है। जिसको अध्यक्ष उ.प्र. पावर कारपोरेशन द्वारा निर्धारित किया गया है।
बैठक में एक प्रस्ताव पास कर ऊर्जा प्रबंधन को चेतावनी दी गई कि यदि उपरोक्त मामलों में भेदभाव समाप्त कर लंबित प्रकरणों का जल्द से जल्द निस्तारण नहीं किया गया तो विद्युत मजदूर पंचायत के बैनर तले विद्युत कर्मी आंदोलन करने हेतु बाध्य होंगे।
बैठक को सर्वश्री डॉ. आर.बी. सिंह, आर.के. वाही, ओपी सिंह, जिउतलाल, अंकुर पांडेय, विजय सिंह, राघवेंद्र गोस्वामी, तपन चटर्जी, गुलाबचंद, केपी दुबे, पंकज राय, विकास कुशवाहा, आदि नेताओं ने संबोधित किया।