प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वाराणसी धर्मप्रान्त के बिशप युजीन जोसेफ ने काशी नगरी के साथ-साथ पूरे देश वाशियों को क्रिसमस एवं नव वर्ष शुभाकामना दी तथा जन्मे प्रभु ईसा मसीह से विश्व शांति, एकता, सुख और समृद्धि हेतु प्रार्थना करता हूँ।
क्रिसमस का माहौल खीस्त जयन्ती गीतों (कैरोल गीत), नवजात शिशु ईसा मसीह की जन्म की झॉंकी (चरनी) चर्च एवं घर की सजावट के साथ ही किसमस ट्री भी सजाया जा चुका है और सब जन प्रभु दर्शन हेतु इन्तजार में हैं जैसे कि पवित्र बाइबिल में कहा है। देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा।
क्रिसमस की पूर्व संध्या यानि 24 दिसम्बर को मध्य रात्रि में संपूर्ण ईसाई समुदाय गिरजाघर में प्रभु की स्तुति एवं आराधना हेतु एकत्रित होंगे।
पूजा-विधि (मिस्सा बलिदान) के उपरान्त शोभा यात्रा द्वारा नवजात शिशु ईसा मसीह की प्रतिमा को गिरजा गिरजा से स्थानान्तरित कर चरनी में स्थापित किया जाता है और चरनी का अभिषेक किया जाता है। तत्पश्चात श्रद्धालुगण चरनी के समकष नतमस्तक होकर नवजात शिशु ईसा मसीह का दर्शन कर उनकी आराधना एवं स्तुति करते हैं। खुशी के इस माहौल में ईसाई समुदाय गिले-शिकवे भूलकर एक दूसरे के गले मिले हैं तथा रव्रीस्त जयन्ती गीत गाते हुए जन्मे प्रभु ईसा का स्वागत करते हैं।
क्रिसमस के अवसर पर वाराणसी धर्मप्रान्त, संत मेरि कैथलिक गिरजा घर प्रांगण में 25, 26, 27 दिसम्बर को सभी नगर वासियों के लिए सुबह 11 बजे से शाम के 7 तक प्रदर्शनीका आयोजन करते आया है ताकि हम अपने खुशी सब के साथ बॉंट सकें।
इस प्रदर्शनी का यही उद्देश्य है कि नगर में शांति, सोहाई एवं भाईचारा बना रहे।
इस वर्ष क्रिसमस पर्व के विशेष आकर्षण परमरागत गौशाला, चर्च में क्रिसमस, कैरोल गीत, चर्च के पीछे फौन्टनकैरोल मुजिक, मरिवालय के सामने भक्तों के लिए प्रार्थना, दुआ होगी।
श्रीस्त जयंती का उत्साह उल्लास जनवरी माह के प्रथम सप्ताह तक चलेगा और 2 जनवरी को सेंट जॉन स्कूल बी.एल.डब्लू में दिव्यांग बालक बालिकाओं के साथ क्रिसमस एवं नववर्ष का सामूहिक उत्सव मनाया जायेगा।
इस अवसर पर राइट रवरेंट डॉ.एउजन जोसफ, रवरेंट फादर थॉमस, रवरेंट सुसाई, रवरेंट हेनरी, रवरेंट गुरुसंतराज, फादर फिलिप आदि लोग उपस्थित रहें।