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धीरेन्द्र महिला पी.जी. कॉलेज में स्थापना दिवस व वार्षिक पत्रिका "प्रगति - 2022" का विमोचन



 19/Dec/22

धीरेन्द्र महिला पी.जी. कॉलेज की स्थापना के 20 वर्ष पूरा होने के क्रम में सोमवार को वार्षिकोत्सव व वार्षिक पत्रिका "प्रगति-2022 का विमोचन किया गया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में छात्राओं ने संगीत, नृत्य और नाटक के माध्यम से समाज के ज्वलंत मुद्दों को प्रस्तुत किया तथा भारतीय संस्कृति के विविध रंगों को मनमोहक अंदाज में प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी। ये विषय नारी शक्ति, शिक्षा, जागरूकता, संस्कृति, जीवन दर्शन, धर्म, अध्यात्म तथा सैनिकों के शौर्य और वीरता पर केंद्रित रहे। यह पल बरबस यह एहसास दिला गया कि प्रतिभाओं को अगर पंख मिले तो उड़ान भरकर मंजिल हासिल कर ही लेती हैं। ऐसी ही प्रतिभाएं इस पल की साक्षी रही। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन द्वारा उपलब्धि हासिल करने वाली कुल 50 छात्राओं को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन तथा कुलगीत की प्रस्तुति के साथ किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इनवर्टिस यूनिर्वसिटी बरेली के भूतपूर्व कुलपति प्रो. जगदीश राय ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षा की अग्रणी भुमिका है। शिक्षा ही वह माध्यम है, जिससे आने वाले दौर की प्राथमिकताएं तय होती है। ऐसे में आवश्यकता उचित मार्गदर्शन द्वारा विद्यार्थियों के अन्दर छिपी प्रतिभा को बाहर निकालना तथा सफलता की ओर अग्रसर करना है। शिक्षक एक कुम्हार की भूमिका में होते हैं, जो विद्यार्थियों में शिक्षा, संस्कार तथा मानवीय गुणों द्वारा राष्ट्र का जिम्मेदार नागरिक बनाते हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री, स्टाम्प व न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन विभाग के माननीय श्री रवीन्द्र जायसवाल ने कहा कि नई पीढ़ी को शिक्षा के मूल्यों से परिचित कराते हुए यह सोच विकसित करना होगा कि युवा भीड़ का हिस्सा न बनते हुए नेतृत्व द्वारा अपनी पहचान बनायें और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें ऐसी ही युवा पीढ़ी पर राष्ट्र का भविष्य टिका हुआ है। ऐसे ही नेतृत्व कौशल द्वारा राष्ट्र की पहचान वैश्विक पटल पर सुनिश्चित की जा सकती है।

संस्था की प्राचार्या डॉ. नलिनी मिश्रा ने कहा कि शिक्षा आज बहुआयामी और बहुविकल्पीय हो गयी है, जिसमें हर किसी को अपनी रूचि के अनुसार विकल्प चयन कर आगे बढ़ने की आजादी है। जरूरत सिर्फ इच्छा शक्ति विकसित कर उसके अनुसार अपने ज्ञान के स्तर को बढ़ाने की है। मन में सीखने की इच्छा बनाकर रखें, क्योंकि ज्ञान का कोई अंत नहीं है। उन्होंने कहा कि एक शिक्षित व्यक्ति ही समाज के हर क्षेत्र में अच्छा करने की सोचता है, इसकी बुनियाद छात्र जीवन में ही पड़ जाती है। इस अवसर पर उन्होंने महाविद्यालय के उद्देश्य और लक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत किया। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों, कर्मचारियों और अभिभावकों के प्रति आभार व्यक्त किया जिनके सहयोग और विश्वास पर संस्थान अपने लक्ष्य के प्रति संकल्पित होकर कार्य कर रहा है।

इस अवसर पर संस्था के सलाहकार समिति के सदस्य एवं अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रतिक्षा सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शालिनी विश्वकर्मा ने किया।


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