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पल्मोनरी मेडिसिन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ. एस. के पाठक को इंडियन सोसाइटी फॉर क्रोनोमेडिसिन की तरफ से सम्मान



 17/Dec/22

ब्रेथ ईजी के मेडिकल डायरेक्टर एवं वरिष्ठ श्वांस, टी.बी एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ. एस. के पाठक को वाराणसी और पूर्वी यूपी में पल्मोनरी मेडिसिन के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए इंडियन सोसाइटी फॉर क्रोनोमेडिसिन की तरफ से डॉ एस के सिंह निदेशक (आईएमएस, बीएचयू) और डॉ (प्रोफेसर) के. के त्रिपाठी (आईएमएस, बीएचयू) द्वारा सम्मानित किया गया I

इंडियन सोसाइटी फॉर क्रोनोमेडिसिन का उद्देश्य क्रोनोबायोलॉजी और क्रोनोमेडिसिन को बढ़ावा देना है। इसका वैज्ञानिक लक्ष्य सर्केडियन / मौसमी संगठनों और तंत्रों का एक ऊर्ध्वाधर दृष्टिकोण में अध्ययन करना है जो आणविक, सेलुलर, सिस्टम फिजियोलॉजिकल, व्यवहारिक और चिकित्सा पहलुओं को एकीकृत करता है। आज इसमें सक्रिय शोधकर्ताओं से लेकर देश भर से कई जाने माने वरिष्ठ सदस्य सदस्य हैं। इसके सदस्य अल्ट्राडियन, सर्केडियन (दैनिक) से लेकर सर्कैनुअल (मौसमी, वार्षिक) घटनाओं तक की जैविक लय को समझने में एक समान रुचि रखते हैं।

डॉ. पाठक को यह सम्मान चिकित्सा क्षेत्र में समाज मे अतिमहत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया गया | डॉ. पाठक द्वारा विगत 10 वर्षों में 5 लाख से भी अधिक मरीजो को स्वास्थ लाभ पहुचाया और लगभग एक लख से भी ज्यादा मरीजो की जान बचायी गयी जो गंभीर श्वास रोगों से पीड़ित थे | डॉ. पाठक ने विगत दस वर्षों में अब तक 50000 से अधिक जनरल प्रेक्टिसनर व स्वास्थकर्मियों को प्रशिक्षित किया, जो दमा, टी.बी एवं श्वांस की बीमारी का पता लगाने में महत्व्यपूर्ण भूमिका निभा रहे है ।

डॉ एस. के पाठक पूर्वांचल में पल्मोनोलॉजी के सबसे भरोसेमंद और विश्वसनीय डॉक्टर हैं, जिनके अस्पताल ब्रेथ ईज़ी में विश्वस्तरीय जाँच, परामर्श एवं ईलाज की सुविधा कम समय व कम खर्च में उपलब्ध हैं। वर्तमान में डॉ. एस. के पाठक ब्रेथ ईज़ी अस्पताल के प्रबंधक हैं, इसके साथ-साथ नारायण मेडिकल कॉलेज, बिहार में एसोसिएट प्रोफेसर भी हैं I डाँ पाठक ब्रेथ ईज़ी चेस्ट फाउंडेशन फॉर ह्यूमैनिटी के सचिव भी हैं जोकि अपनी समर्पित सेवा से जन जागरूकता अभियान करने में कोई कमी नहीं छोड़ते, चाहे व निःशुल्क चिकित्सा शिविर हो, या जन जागरूकता रैली (एड्स, कैंसर, दमा आदि जैसी भयावक बीमारी के लिए), चाहे व जनरल प्रक्टिस्नर को आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के विषय में सेमीनार के माध्यम से अपडेट करना हो या बाढ़ पीड़ितों को निःशुल्क चिकित्सा सेवा देना हो।


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