मुर्गी सुपर फूड का 30 परसेंट से ज्यादा उत्पादन भारत में होता है
वाराणसी के बड़ा लालपुर क्षेत्र दीनदयाल हस्तकला संकुल में बुधवार को 'काशी-तमिलनाडु सेट मॉडल ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप' प्रोग्राम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में काशी और तमिलनाडु के जाने-माने उद्यमियों ने भाग लिया और अपार और उधमिता से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया।
कार्यक्रम की शुरुआत सभी अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन करके की गई उसके बाद उधमिता चर्चा के क्रम में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बाबा जी राजा भोसले प्रिंस तंजावुर एवं हेरेडिटरी ट्रस्ट प्रौद्योगिकी तकनीकी के योगदान के बारे में चर्चा की। जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे प्रौद्योगिकी तकनीकी की सहायता से उनके द्वारा 88 मंदिरों का रखरखाव एवं देखभाल की जाती है इसके अलावा प्रौद्योगिकी तकनीकी का इस्तेमाल करते हुए ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट में सहायता सीआरएम, लॉयल्टी सॉल्यूशन, शॉप फ्लोर ऑटोमेशन इनोवेटिव सलूशन, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एवं तंजावुर की सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए वहां आने वाले रिसर्च स्कॉलर को दी जाने वाली सहायता और धर्म के द्वारा आने वाले पीढ़ियों के बचाव के बारे में बताया। एसआरजी सुपर फूड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ एम नचिमुथु ने भारत के सुपरफूड्स के बारे में चर्चा की जिसमें मुख्यत मोरिंगा, कोकोनट, मिलेट्स, जैक फ्रूट टरमरिक अश्वगंधा नीम काली मिर्च जैसे भारत के सुपरफूड्स में बताया और कैसे भारत अपने ट्रॉपिकल क्लाइमेट सिस्टम, मेंस्ट्रीम फूड, भूमि की जैविकता, घनी जनसंख्या और विश्व का बड़ा अग्रिम बाजार का योगदान भारत को इस तरह के सुपरफूड्स के उत्पादन में अलग स्थान दिलाता है बारे में चर्चा की। उन्होंने यह भी बताया कि मुर्गी सुपर फूड का 30 परसेंट से ज्यादा उत्पादन भारत में होता है एवं कोकोनट प्रोसेसिंग यूनिट को उत्तर प्रदेश में स्थापित करने के लिए वह लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में मिस पीआर दीपालक्ष्मी प्रोपराइटर-मुलाई प्रोडक्ट्स, सिवागंगई कम्युनिटी एंटरप्रेन्योरशिप हर्बल सेनेटरी नैपकिन मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप महिलाओं को नेचुरल इको फ्रेंडली सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध करवाने को लेकर अपने मिशन के बारे में बताया ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को हर्बल सेनेटरी नैपकिन के बारे में जागरूक करना उनका मुख्य लक्ष्य हैं।
कार्यक्रम में मनीष कटारिया उद्यमी-बजरंग एलुमिनियम वर्क्स वाराणसी उद्यम विकास को लेकर कुछ मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की जिससे एमएसएमई सेक्टर में उद्यम को प्रगतिशील करने के लिए लोन मैनेजमेंट, स्किल्ड मैन पावर, ट्रेंनिंग रिक्वायरमेंट, टेक्नोलॉजिकल अपग्रेडेशन एवं लेबर लॉ जैसे प्रमुख चीजों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। टाटा कंसलटेंसी सर्विस के द्वारा टीसीएस इग्नाइट थीम अंतर्गत ट्रेनिंग सिम्युलेटर कैसे कौशल विकास किया जाए एवं कौशल विकास के लिए टेक्नोलॉजी का यूज किस प्रकार से किया जाए के बारे में बताया। टाटा कंसलटेंसी सर्विस से श्री मुरलीधर ने बताया कि ब्रिजिटल लूम टेक्नोलॉजी के माध्यम से हैंडलूम कारीगर एवं व्यापारी अपने प्रोडक्ट का सिम्युलेटर टेक्नोलॉजी के द्वारा विजुलाइजेशन कर सकते हैं जिसका मुख्य थीम आपकी साड़ी आप की कहानी रखा है। अंत में उमेश कुमार सिंह संयुक्त आयुक्त उद्योग वाराणसी ने सभी वक्ताओं, आइआइए, लघु उद्योग भारती, कार्यक्रम के आयोजक एवं समस्त प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया और काशी एवं तमिलनाडु के बीच में आध्यात्मिक जुड़ाव के बारे में बताया उन्होंने बताया कि इस तरह के मंच औद्योगिक एवं आर्थिक रूप से दोनों राज्यों के बीच में संबंध बढ़ाने में सहायक होंगे।