वाराणसी। आगामी नगर निकाय चुनाव के लिए वार्ड परिसीमन एवं वार्ड आरक्षण मैं भारतीय जनता पार्टी ने पूरी तरह से सत्ता का दुरुपयोग किया है।
उक्त बातें महानगर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष (प्रशासनिक) फसाहत हुसैन बाबू, कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन, कांग्रेस विधि विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह एडवोकेट ने एक संयुक्त विज्ञप्ति में कहा कि है जिस तरह से वार्ड परिसीमन और वार्ड आरक्षण में मनमानी की गई है उससे साफ जाहिर हो रहा है कि सत्ता का पूरा दुरुपयोग किया गया है। उक्त नेताओं ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिन जिन वार्डों में भाजपा कमजोर रही है और हारने का डर है ,उन वार्डो को आरक्षित कर दिया गया है यही नहीं 100 वार्डों में से लगभग 50 वार्डों को आरक्षित किया गया है वाह रे सत्ता का खेल आधा नगर निगम आरक्षित हो गया।
नगर निगम अधिनियम 1959 के अनुसार किसी भी शहर की
आबादी 18 लाख हो तो उस नगर निगम में 100 वार्ड बनाए जा सकते है। प्रत्येक वार्ड की आबादी बराबर विभाजित की जाती है, इस हिसाब से नगर निगम के प्रत्येक वार्ड की जनसंख्या 18000 होनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश सरकार के शासनादेश संख्या 625/9-1-2022 निर्वाचन2922 के अनुसार सभी वार्डों की आबादी बराबर की होनी चाहिए।किसी विशेष परिस्थिति में आबादी 15% कम या 15% अधिक की जा सकती है, लेकिन सत्ता का पूरी तरह से दुरुपयोग करते हुए भाजपा ने किसी वार्ड में7000 किसी वार्ड मे 9000 किसी वार्ड में 27000 आधी आबादी को रखकर अपने हिसाब से बड़ों को बनाया गया है। इससे साफ प्रतीत होता है कि सत्ता के बल पर भाजपा की मंशा साफ नहीं लगती है और वह नगर निगम पर कब्जा करना चाहते हैं जो निंदनीय है। यही नहीं इस पर निर्वाचित पार्षदों ने आपत्ति भी जताई लेकिन उनकी आपत्ति को निरस्त कर दिया गया।