MENU

दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय विक्रेता विकास कार्यक्रम उद्घाटित



 02/Dec/22

उत्तर प्रदेश 10 लाख 24 हजार से अधिक एमएसएमई की मौजूदगी वाला औद्योगिक राज्य हैं-केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम मंत्रालय राज्यमंत्री

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम मंत्रालय राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने चांदपुर स्थित औद्योगिक आस्थान चांदपुर के डीआईसी प्रशासनिक ब्लॉक में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर के विक्रेता विकास कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि इसका मुख्य उद्देश उद्यमियों की बिक्री को बढ़ाना और एमएसएमई के तरफ से दी जा सुविधाओं के बारे में लोगो को जानकारी देना है।

केंद्रीय मंत्री ने भानु प्रताप सिंह वर्मा ने एमएसएमई-विकास कार्यालय द्वारा आयोजित किए जा रहे इस राष्ट्रीय विक्रेता विकास कार्यक्रम पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि 10 लाख 24 हजार से अधिक एमएसएमई की मौजूदगी वाले इस अग्रणी औद्योगिक राज्य में उपस्थित होना सौभाग्य की बात है। जैसा कि मैं देख सकता हूँ कि भारत सरकार और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने सामूहिक रूप से काम किया है और राज्य में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं के निर्माण और एमएसई-कलस्टर विकास कार्यक्रम के तहत कई सीएफसी परियोजनाओं की रूपरेखा तैयार करने, एक जिला एक उत्पाद् को प्रोत्साहित करने जैसी विभिन्न नई योजनाओं को लागू करने में योगदान दिया। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र पिछले 5 दशकों में भारतीय अर्थव्यवस्था के बेहद जीवंत और गतिशील क्षेत्र के रूप में उभरा है इसमें न केवल बड़े उद्योगों की तुलना में कम पूँजीगत लागत में बड़ी सख्या में रोजगार के अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, अपितु ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की औद्योगिकीकरण में भी मदद करते हैं। हाल के दिनों में, मेरे मंत्रालय ने एमएसएमई क्षेत्र द्वारा सामना किये जा रहे मुद्दों के समाधान के लिए एक बहु आयामी दृष्टिकोण अपनाया है, तद्नुसार हमने रैम्प जैसी नई योजनाएं शुरु की है, जहाँ हम संस्थागत ढ़ाचे को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 2 वर्षों में चैम्पियन पोर्टल पर प्राप्त 99 प्रतिशत शिकायतों का उत्तर दिया जा चुका है, अब हम उन मुद्दों को हल करने में अधिक सक्रिय हो गए हैं जो इस क्षेत्र के विकास को बाधित करते हैं। उन्होंने बैंक के अधिकारारियों से उद्यमियों को आ रही समस्याओं को दूर करने का निर्देश देते हुए यह भी कहा कि उद्यमी भाइयों को अपने परिवार की तरह समझते हुए समस्याओं को दूर करने का प्रयास करें। उन्होंने यह भी बताया कि पीएमईजीपी के तहत पिछले वर्ष एक लाख से अधिक उद्यमियों को स्थापित किया गया जो कि पिछले चौदह वर्षों का रिकार्ड है। इससे 8.50 लाख से अधिक रोगजार उपलब्ध हुए हैं। उन्होंने जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट (जेड) योजना का लाभ उठाने के लिए एमएसएमई उद्योग जगत का आह्वान किया। उन्होंने मंच पर कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे उद्यमियों की समस्याओं एवं सुझावों को एक-एक कर सुना और उन्हें पूरा करने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि विश्वास है कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से भावी उद्यमियों को आशातीत लाभ मिलेगा।

विशिष्ट अतिथि के रूप में विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि वाराणसी एवं आस-पास के जनपदों में उपलब्ध कच्चा माल के आधार पर नई औद्योगिक इकाइयाँ स्थापित करने हेतु आए हुए उद्यमी बंधुओं से अनुरोध भी किया। इस प्रकार के कार्यक्रमों से इस क्षेत्र के उद्यमी बंधुओं को नई-नई औद्योगिक जानकारियाँ एवं सम्पर्क सूत्र बड़ी आसानी से एक ही जगह प्राप्त हो सकते हैं।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं आगंतुकों का स्वागत करते हुए एल. बी.एस. यादव, संयुक्त निदेशक, एमएसएमई- विकास कार्यालय, प्रयागराज ने विभाग से सम्बंधित योजनाओं का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में भारत सरकार के उपक्रम जैसे बीएचईएल, एचएएल, एनटीपीसी, एनसीएल, सिडबी, अग्रणी बैंक आदि प्रतिभाग कर रहे हैं तथा इस प्रदर्शनी में देश के विभिन्न राज्यों एवं स्थानों से पधारे एमएसएमई इकाईयों के 70 से अधिक स्टाल प्रदर्शित हैं। उन्होंने लोगों से आह्वाहन किया कि वे इस अवसर का अधिक से अधिक लाभ उठावें। आर.के.चौधरी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इण्डियन इण्डस्ट्रीज एशोसिएशन ने अपने सम्बोधन में बताया कि आज के औद्योगिक वैश्विकरण के परिवेश में इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होने से उद्योग में क्रांति पैदा हो सकती है। हमारे उद्यमी बंधु इस प्रकार के जागरूकता वाले कार्यक्रम में अधिक से अधिक हिस्सा लेकर इसका लाभ उठा सकते हैं। अपने सम्बोधन में राजेश भाटिया अध्यक्ष द् स्माल इण्डस्ट्रीय एशोसिएशन ने इस प्रकार के आयोजन के लिए अपनी प्रसन्नता व्यक्त की एवं सम्बंधित उद्यमी बंधुओं का आह्वाहन किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में आकर इस अवसर का लाभ उठावें। रजनीश गुप्ता, प्रिंसिपल चीफ मैटेरियल मैनेजर, बीएलडब्लू ने बताया कि आज के डिजिटल मार्केटिंग के परिवेश में वेंडरों को बीएलडब्लू में सप्लाई करना बहुत ही आसान एवं पारदर्शी हो गया है।

संयुक्त आयुक्त उद्योग उमेश कुमार सिंह ने अपने सम्बोधन में बताया कि भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम से क्रेता एवं विक्रेता की दूरियाँ घटेंगी एवं वाराणसी परिक्षेत्र में आने वाले उद्योग को अपना उद्पाद विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विक्रय करने का अवसर प्रदान होगा। उन्होंने उद्यमियों से अपने परंपरागत उद्योग से हटकर नव-उद्योग को लगाने का भी आह्वान किया। इससे हमारे उद्यमी एवं क्षेत्र का विकास तीव्र गति से सम्भव होगा। अपने संबोधन में श्रीकांत दास, डीजीएम, सिडबी, लखनऊ, उत्तर प्रदेश ने उत्तर प्रदेश में किए जा रहे वित्त विकास एवं वित्तीय सहायता से कार्यक्रम को अवगत कराया और सभी उद्यमियों से निवेदन किया कि वे सिडबी से जुड़ें और अपने उद्योग संबंधी जरूरतों को पूरा करें।

कार्यक्रम के अंत में आर.के. चौधरी, सहा. निदेशक शाखा- एमएसएमई-विकास कार्यालय ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, अतिथि एवं सभी उद्यमियों को धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन वी. के. राणा, सहायक निदेशक एमएसएमई- विकास कार्यालय द्वारा किया गया।

 


इस खबर को शेयर करें

Leave a Comment

7193


सबरंग