आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए इण्डियन इण्डस्ट्रिज एसोसिएशन, महानगर उद्योग व्यापार समिति व काशी व्यापार मण्डल के द्वारा कराया गया सेमिनार
प्रधानमंत्री के उद्घोष 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के अंतर्गत काशी-तमिलनाडु के बीच में आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वाराणसी के बड़ा लालपुर स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल में बुधवार को "काशी तमिल व्यापार पाठशाला" का आयोजन किया गया। जिसमे काशी और तमिलनाडु के जाने-माने व्यापारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों जगहो के बीच में व्यापार को लेकर आपसी संबंध को बढ़ावा देना रहा।
मुख्य अतिथि एस. गुरुमूर्थि ने आयोजन की महत्ता को बताते हुये कहा कि इस आयोजन से उत्तर एवं दक्षिण क्षेत्र का संतुलन एवं राष्ट्रीय एकता को बल मिलेगा। दोनो क्षेत्रों के धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं व्यापारिक स्थिति क्षमता तथा सम्भावनाओं के बारे में एक दूसरे को जानकारी मिलेगी। इससे भारत विश्वगुरू बनकर उभरेगा। तमिलनाडु के जाने-माने व्यापारी हरि थंगराजन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर थायगराजन मिल्स प्राइवेट लिमिटेड ने टेक्सटाइल क्षेत्र को लेकर तमिलनाडु को बेहतर स्थान बताया और कहा कि भारत में कृषि के बाद टेक्सटाइल सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र है। दोनों जगहों के बीच में आंतरिक व्यापार बढ़ाया जा सकता है, जिससे काशी और तमिलनाडु दोनों ही क्षेत्र को फायदा होगा। पदमश्री डॉक्टर रजनीकांत द्वारा जीआई की महत्ता को लेकर चर्चा की गई एवं बताया गया कि भारत लगातार अपने उत्पादों को जी आई के माध्यम से ग्लोबल स्तर तक ले कर जाने के लिए अग्रसर है। उन्होंने बताया कि तमिलनाडु और काशी में जीआई को लेकर काफी समानताएं हैं। जिसमें तमिलनाडु के अभी तक 9 जी आई उत्पाद हो चुके हैं और काशी क्षेत्र में 15 जीआई उत्पाद है और प्रधानमंत्री द्वारा ग्लोबल स्तर पर जीआई उत्पादों का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एस गुरुमूर्ति ने बताया कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था उसके प्रति व्यक्ति आय पर निर्भर करती है जिसमें देश का मोरबी क्षेत्र 60 परसेंट से ज्यादा रोजगार देने के साथ प्रति व्यक्ति आय में प्रथम स्थान रखता है
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में गुणवत्ता उत्कृष्टता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी अंतर्गत श्रीमती वनिथा मोहन चेयरमैन, पीआरआई सीओएल कोयंबटूर ने पर्यावरण और जल संरक्षण को लेकर नीर बाकी विधि के द्वारा उनकी कंपनी द्वारा उठाए जा रहे कदमों को लेकर चर्चा की। एम चेयरमैन कृष्णन स्वीट्स प्राइवेट लिमिटेड, कोयंबटूर के द्वारा फूड क्षेत्र में उनके कंपनी के द्वारा बनाए जाने वाले ऑर्गेनिक स्वीट्स और एक्सपोर्ट क्वालिटी उत्पाद बनाने के बारे में बताया गया। अनुपम देवा मैनेजिंग डायरेक्टर सिगमा कैपेसिटर वाराणसी के द्वारा पर्यावरण संरक्षण को लेकर कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के माध्यम से किए जा रहे प्रयासों से अवगत करवाया। अन्य प्रमुख वक्ताओं ने उत्तर एवं दक्षिण के व्यापारिक रिश्ते को मजबूत करने संम्भावनाओं को तलाशने एवं एक-दूसरे के साथ मिलकर व्यापार में वृद्धि का प्रस्ताव रखा, साथ ही काशी एवं तमिलनाडू के उत्पादों गुणवत्ता पर्यावरण के उत्तरदायी इत्यादि के बारे में विचारों का आदान-प्रदान किया। अंत में राजेश भाटिया नेशनल सेक्रेट्री आइआइए परा कार्यक्रम के समापन में सरकार से अपील की गई कि इसी तर्ज पर एक कार्यक्रम काशी के व्यापारियों को लेकर तमिलनाडु में भी आयोजित किया जाए। शाश्वत खेमका कपड़ा व्यापारी काशी द्वारा कार्यक्रम में सम्मिलित सभी व्यापारियों को धन्यवाद दिया और कहा कि व्यवसाय के लिए यात्रा करना सामान्य है लेकिन व्यापार के विचार और नए क्षेत्र को बदलने के लिए यात्रा करना सराहनीय है जो कि इस काशी और तमिल संगम के जरिए देखने को मिल रहा है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तुगलक पत्रिका के सम्पादक एस. गुरुमूर्थि थे। सेमीनार को तमिलनाडू प्रतिष्ठित व्यवसायी सुश्री वनिथा मोहन, डॉ. एम. कृष्णनन एवं एस. थागराजन, तथा काशी से डॉ.रजनीकान्त एवं अनुपम देवा ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम का आयोजन उमेश कुमार सिंह संयुक्त आयुक्त उद्योग, इण्डियन इण्डस्ट्रिज एसोसिएशन महानगर उद्योग व्यापार मण्डल तथा काशी व्यापार मण्डल के सहयोग से किया गया। इसमें तमिलनाडू के 250 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। सेमीनार को तमिलनाडू प्रतिष्ठित व्यवसायी सुश्री वनिथा मोहन, डा. एम.कृष्णनन एवं श्री एस.थागराजन, तथा काशी से डा.रजनीकान्त एवं अनुपम देवा ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम का आयोजन उमेश कुमार सिंह संयुक्त आयुक्त उद्योग, इण्डियन इण्डस्ट्रिज एसोसिएशन महानगर उद्योग व्यापार मण्डल तथा काशी व्यापार मण्डल के सहयोग से किया गया। इसमें तमिलनाडू के 250 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।