सनबीम वीमेन्स कालेज वरुणा में ‘‘गो ग्रीन एनवायरमेंटल कंजर्वेशन एंड सस्टेनेबिलिटी ’’ विषय पर दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरे राम त्रिपाठी, गेस्ट ऑफ ऑनर, प्रो. एस रघुवंशी, डायरेक्टर, इन्स्टीट्यूट आफ एनवायरमेंटल सस्टेनेबल डेवलपमेंट, बीएचयू, वरिष्ठ वैज्ञानिक नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, लखनऊ की डॉ. रीचा राय रहीं। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ जिसके बाद सभी मुख्य अतिथियों का स्वागत सनबीम शिक्षण समूह के अध्यक्ष डॉ. दीपक मधोक, निदेशिका, श्रीमती भारती मधोक, उपनिदेशिका श्रीमती अमृता बर्मन ने किया। इस नेशनल कांफ्रेंस में 15 राज्यों एवं केन्द्रशासित राज्यों के लगभग 10 विश्वविद्यालयों, दिल्ली विश्वविद्यालय, राजस्थान विश्वविद्यालय, पटना विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय आदि एवं 40 महाविद्यालयों के लगभग 250 प्रतिभागियों ने भाग लिया एवं पेपर प्रस्तुति के माध्यम से अपने विचारों को व्यक्त किया।
सम्पूर्णानन्द विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने ‘‘गो ग्रीन’’ विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बिना शुद्ध एवं स्वस्थ पर्यावरण के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। शुद्ध पर्यावरण में ही स्वस्थ मन का विकास होता है अतः बेहतर जीवन के लिए हमें पर्यावरण पर ध्यान देने की आवश्यकता है। गेस्ट ऑफ ऑनर, प्रो. एएस रघुवंशी, डायरेक्टर, इन्स्टीटयूट आफ इनवायरमेन्टल सस्टेनएबल डेवलपमेन्ट ने कहा कि पर्यावरण का निर्माण दो शब्दों से मिलकर हुआ है। परि-जो हमारे चारों ओर है, आवरण-जो हमें चारों ओर से घेरा हुए है। अतः इस घेरे को मजबूत करने की आवश्यकता है और जिससे इसे नुकसान हो रहा है उससे इसे सुरक्षित करने की जरूरत है और यह तभी सम्भव होगा जब आप जागरूक होगे। अतः अपने और मानव विकास की प्रगति और उन्नति के लिए इसे सुरक्षित करने का प्रयास करें। कीनोट स्पीकर, वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. रीचा राय ने कहा कि इस तरह के नेशनल कांफ्रेन्स की बहुत आवश्यकता है क्योंकि हम इस माध्यम से लोगों को पर्यावरण सुरक्षा के लिए समझा सकते है और बता भी सकते है कि ये हरियाली जीवन के लिए कितनी आवश्यक है। अगर ये हरियाली समाप्त हो गयी तो जीवन भी समाप्त हो जायेगा। अतः इसे बचाने और संभालने की जिम्मेदारी आज हर एक नागरिक की है।
पैनल डिस्कसन के चेयरपर्सन प्रो. विरेन्द्र कुमार मिश्रा, बीएचयू, प्रो. श्वेता प्रसाद बीएचयू, डॉ. आशुतोष मोहन, बीएचयू, प्रो. अरविन्द कुमार, बीएचयू एवं मॉडरेटर डॉ. रीचा राय ने गो ग्रीन विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि वर्तमान समय की आवश्यकता है पर्यावरण संरक्षण। पर्यावरण उन सभी भौतिक, रासायनिक एवं जैविक कारकों की एक सम्मिलित इकाई है। पर्यावरण वह है जो सभी जीवन के साथ जुड़ा हुआ है और हमारे चारो तरफ हमेशा व्याप्त रहता है। हमारे जीवन की प्रत्येक घटना इसी के अन्दर सम्पादित होती है। अतः हमें इसे सुरक्षित और संरक्षित करने का सदैव प्रयास करना चाहिए।
नेशनल कांफ्रेंस के प्रथम दिन दो टेक्निकल सेशन आयोजित हुई। प्रथम टेक्निकल सेशन के चेयरपर्सन प्रो. विनोद कुमार चौधरी, डीएवी पीजी कालेज और को-चेयरपर्सन बीएचयू की डॉ. सीमा मिश्रा रहीं। जिन्होंने पेपर प्रेजेन्टर को ध्यान से सुना और उनके सवालों का जवाब दिया।
दूसरे टेक्निकल सेशन के चेयरपर्सन प्रो. अरविन्द कुमार बीएचयू और को-चेयरपर्सन बॉटनी विभाग, बीएचयू के डॉ. सतीश कुमार वर्मा रहे। इन लोगों ने भी पर्यावरण से सम्बन्धित पेपर प्रेजेन्टरों को सुना और पर्यावरण से सम्बन्धित समस्याओं का कैसे निराकरण कर सकते है यह भी बताया। दूसरे दिन सर्वप्रथम नेशनल कांफ्रेन्स में डायरेक्टर, लेब्रोरेटरी सर्विस एण्ड इन्स्टीट्यूट आफ एग्रीकल्चर एण्ड नेचूरल रिसोर्स, लिनकन यूएसए के प्रो. डेनियल स्नो ने आनलाईन माध्यम से गो ग्रीन विषय पर प्रकाश डाला और बताया कि पर्यावरण को बचाना और पुनः उसे उसकी हरियाली वापस करना कितना आवश्यक है जिस तरह से पेड़ काटे जा रहे हैं हम स्वयं अपने लिए खाई बना रहे हैं। आज मौसम में बदलाव, भूमिगत जल की समस्या, अत्यधिक वर्षा, भीषण गर्मी, भूकम्प ये सब पर्यावरण असंतुलन के कारण हो रहा है अतः पर्यावरण के संरक्षण के आज बहुत आवश्यकता है।
उसके पश्चात तीसरा टेक्निकल सेशन प्रारम्भ हुआ जिसके चेयरपर्सन प्रो. ओपी राय फैकल्टी ऑफ कॉमर्स बीएचयू तथा को-चेयरपर्सन डॉ. वन्दना श्रीवास्तव, फैकल्टी आफ कॉमर्स, बीएचयू रहीं। इस टेक्निकल सेशन में विभिन्न कालेज के छात्र-छात्राओं ने अपने पेपर प्रस्तुत किए तथा पर्यावरण से जुड़ी समस्या को उठाया तथा वातावरण को पुनः कैसे हरियाली ला सकते है इसका समाधान भी पूछा। टेक्निकल चेयरपर्सन ने उनके सवाल का जवाब देते हुए बताया कि हम अपने व्यवहार में सुधार लाकर पर्यावरण को सुरक्षित एवं संरक्षित कर सकते हैं।
अन्त में समापन समारोह का आयोजन हुआ जिसके मुख्य अतिथि जुलॉजी डिपार्टमेन्ट, बीएचयू के प्रो. जेके राय रहे। मुख्य अतिथि ने कहा कि पर्यावरण की समस्या हम सबकी है और हम सबको मिलकर ही इसका समाधान ढूँढ़ना होगा। सनबीम शिक्षण समूह के अध्यक्ष डॉ. दीपक मधोक ने कहा कि यह नेशनल कांफ्रेन्स वास्तव में सभी के लिए बहुत ही लाभप्रद है और ऐसे कांफ्रेन्स भविष्य में भी कालेज करता रहेगा। निदेशिका श्रीमती भारती मधोक ने कहा कि वास्तव में पर्यावरण जैसे मुद्दे उठाना आज की आवश्यकता है क्योंकि अगर हमारा पर्यावरण मजबूत नहीं होगा तो जीवन की कल्पना कैसे कर सकते हैं। संस्था की उपनिदेशिका श्रीमती अमृता बर्मन एवं आनरेरी डायरेक्टर श्री हर्ष मधोक ने सभी मुख्य अतिथियों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया जिसने ऐसे विषय पर अपने विचार व्यक्त किये और पर्यावरण को मजबूत बनो में भूमिका निभाई। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय की प्रशासनिक अधिकारी डॉ. शालिनी सिंह ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया एवं सभी प्रतिभागियों का नेशनल कांफ्रेंस का प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया।