'काशी-तमिल संगमम' कार्यक्रम के अन्तर्गत बुधवार को दीनदयाल हस्तकला संकुल में "काशी तमिलनाडु शिल्पी संबंध प्रौधिगिकी एकीकरण" विषय पर सेमिनार का आयोजन वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया। दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य से पधारे हथकरघा एवं हस्तशिल्पी बुनकरों का संकुल के प्रवेश द्वार पर पुष्पगुच्छ भेट कर एवं पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।
सेमिनार के प्रथम चरण का उद्घाटन मुख्य अतिथि रवि सैम प्रबन्ध निदेशक अद्वैत टेक्टाइल प्रा.लि. एवं अध्यक्ष, दक्षिण भारतीय मिल्स संगठन द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। सेमिनार के प्रथम चरण में काशी एवं तमिलनाडु शिल्पी सम्बद्ध विषय पर चर्चा की गयी। सेमिनार का आयोजन दो चरणों में किया गया। इनके अतिरिक्त एस. सेल्यम, संयुक्त निदेशक, हथकरघा तन्जापुर, पदमश्री एवं जी.आई. विशेषज्ञ डा.रजीकान्त तथा पदमश्री श्रीमाष चन्द्र सुपकार मुख्य वक्ता के रूप में कार्यक्रम में सम्मिलित हुये
तथा तमिलनाडु से आये हुये हथकरघा बुनकरों एवं हस्तशिल्पीयों को सम्बोधित किया। सेमिनार में तमिलनाडु राज्य के विभिन्न बुनकर, डिजाइनर एवं हस्तशिल्पी सम्मिलित हुये तथा सेमिनार में उपस्थित हथकरघा एवं हस्तशिल्प के विशेषज्ञों द्वारा दिये गये महत्वपूर्ण व्याख्यान को ध्यानपूर्वक सुना। इस सेमिनार के आयोजन से सेमिनार में सम्मिलित सभी हस्तशिल्पी व बुनकर कई प्रकार से लाभान्वित हुये प्रथम चरण के सेमिनार के समापन के पश्चात् द्वितीय चरण में हस्तशिल्प विविधता और मूल्य श्रृंखला पर चर्चा की गयी एवं प्रवक्ताओं द्वारा व्याख्यान दिया गया। सेमिनार के द्वितीय चरण की अध्यक्षता टी राजकुमार,निदेशक, शक्ति ग्रुप तथा अध्यक्ष, भारतीय वस्त्र उद्योग महासंघ द्वारा की गयी। सेमिनार के द्वितीय चरण में मुख्य वक्ता वेंकटेश राजा, तंजाउर पेंटिंग आर्टिस्ट तथा एस.भूपति, तंजाउर डाल उत्पादक द्वारा अपने अपने व्याख्यानों द्वारा सेमिनार
में उपस्थित हथकरघा बुनकरों एवं हस्तशिल्पीयों को उपरोक्त विषय पर कई महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। सेमिनार का संचालन सी. मुथ्थूसामी क्षेत्रीय निदेशक (द.क्षे.) द्वारा किया गया। सेमिनार में भारत सरकार/राज्य सरकार के अधिकारीगण उमेश कुमार सिंह, संयुक्त आयुक्त उद्योग, डा.पी. थेन्नेरेस, निदेशक, भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान, संदीप पु दुबरीकर उप निदेशक एवं कार्यालय प्रमख बुनकर सेवा केन्द्र अब्दुल्ला सहायक निदेशक (हस्तशिल्प), हस्तशिल्प सेवा केन्द्र, गोपेश कुमार मौर्य, सहायक निदेशक (हस्तशिल्प), दीनदयाल हस्तकला संकुल एवं अरूण कुमार कुरील, सहायक आयुक्त, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, आशीष सिंह, मैनेजर, राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम लि. तथा कर्मचारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समापन के पश्चात सेमिनार में आये हथकरघा बुनकरों एवं हस्तशिल्पीयों द्वारा दीनदयाल हस्तकला संकुल के प्रांगण में प्रदर्शित हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों, लूमों के सजीव प्रदर्शन तथा शिल्प संग्रहालय का अवलोकन किया गया।