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वायु प्रदुषण से बढ़ रहे हैं सी.ओ.पी.डी मरीजों की संख्‍या: डॉ. एस.के.पाठक



 15/Nov/22

ब्रेथ ईजी चेस्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल अस्सी वाराणसी द्वारा विश्व सीओपीडी दिवस 16 नवंबर 2022 के उपलक्ष में 15 नवंबर 2022 को प्रेस कांफ्रेंस हॉल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में वरिष्ठ टीवी एलर्जी श्वास रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एस के पाठक ने बताया कि दुनिया भर में सीओपीडी से करीब 21 करोड़ लोग प्रभावित हैं और यह मृत्यु का चौथा कारण बनी हुई है दुनिया भर में सीओपीडी से जितनी मृत्यु होती है उसमें से एक चौथाई हिस्सा भारत का है साल 2016 में सीओपीडी के 2 करोड़ 22 लाख रोगी थे। यह बीमारी समय के साथ गंभीर होती जाती है और कई बार यह जानलेवा तक हो सकती है सीओपीडी ग्रस्त लोगों में सांस की नदियों में ब्लाक के होना या कम लचीले होने से फेफड़ों की कार्यक्षमता प्रभावित होने लगती है और यह उनमें बहुत आम समस्या है इससे सीओपीडी के लक्षण खासतौर से सांस लेने में तकलीफ जैसी गंभीर समस्याएं ज्यादा होता है जाती है इसे मेडिकल भाषा में हाइपरइन्फ्लेशन कहते हैं और इससे दिल के काम करने की क्षमता भी जुड़ी होती है।
डॉक्टर पाठक बताते हैं कि-आज वायु प्रदूषण दुनिया की एक बड़ी समस्या में से एक है कई बीमारियों का कारण वायु प्रदूषण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में 14 शहर भारत के हैं। इनमें अपना बनारस कानपुर और गाजियाबाद के बाद तीसरे सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की लिस्ट में है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार प्रतिवर्ष लगभग 1 करोड़ 20 लाख मौतें पर्यावरण प्रदूषण के कारण हुई है। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में हर 10 व्यक्तियों में से 9 व्यक्ति प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं लगभग 42 लाख लोग वायु प्रदूषण की वजह से मौत के शिकार हुए और 38 लाख लोगों की मौत कुकिंग और प्रदूषित ईधन के कारण हुई भारत में वायु प्रदूषण के कारण हर साल लगभग 12 लाख मौतें होती हैं यदि व्यापक रोकथाम ना हुई तो यह आंकड़ा सन 2050 तक 36 लाख मौतों को पार कर जाएगा।


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