भारत और नेपाल में लोकतांत्रिक मार्ग से हिन्दू राष्ट्र का आंदोलन प्रखर बनाने हेतु आशापुर के तनिष्क सभागृह में आयोजित दो दिवसीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का समापन हो गया। अधिवेशन में उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, उत्तराखंड आदि राज्य तथा नेपाल एवं अमेरिका से 100 से अधिक हिन्दू संगठनों के 200 से अधिक प्रतिनिधि उपस्थित थे। भारत और नेपाल अनादि काल से हिन्दू राष्ट्र थे, परंतु सेक्युलरतंत्र के कुचक्र में फंसने कारण यहां हिन्दुओं का दमन हो रहा है। उपस्थित सभी हिन्दू संगठनों का एकमत बना कि इस परिस्थिति में परिवर्तन लाने के लिए भारत में पुनः संवैधानिक हिन्दू राष्ट्र स्थापित होना अनिवार्य है। इसलिए हिन्दू संगठनों ने संविधानिक मार्ग से सड़कपर आंदोलन करना, समाज जागरण करना, सांसदों का हिन्दू हित के कानूनों के लिए प्रबोधन कर उन्हें संसद द्वारा परिवर्तन लाने के लिए बाध्य करना और जनहित याचिकाओं के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय में हिन्दू राष्ट्र के समर्थन में कानूनी संघर्ष करने का निर्धारण किया है, ऐसी जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक संत सद़्गुरु नीलेश सिंगबाळजी ने दी। वे पराडकर भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। सद़्गुरु नीलेश सिंगबाळ ने बताया कि अधिवेशन में सहभागी हिन्दुत्वनिष्ठों ने समान सूत्री योजना के अंतर्गत जिला स्तर पर हलाल सख्ती विरोधी कृति समिति की स्थापना करना, हिन्दू राष्ट्र जागृति सभाओं का आयोजन करना, नियमित हिन्दू राष्ट्र जागृति आंदोलन के माध्यम से हिन्दू धर्मपर होनेवाले अन्याय का प्रतिकार करना निश्चित किया। अधिवेशन में नेपाल से संहिता शास्त्री अर्जुनप्रसाद बस्तौला, धर्मगुरु व्यासाचार्य किशोर कुमार गौतम, विश्व ज्योतिष महासंघ मे अध्यक्ष लोकराज पौडेल, अमरिका से पू.मां राजलक्ष्मी, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद़्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे, बिहार से आचार्य अशोक कुमार मिश्र आदि संत एवं गणमान्य उपस्थित थे।
इंडिया विथ विजडम के अध्यक्ष अधिवक्ता कमलेश त्रिपाठी जी ने बताया कि अधिवेशन में उपस्थित अधिवक्ताओं ने हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं को सामान्य कानून का प्रशिक्षण, सूचना अधिकार का उपयोग तथा भ्रष्टाचार निवारण कानून का उपयोग कैसे करें, इस विषय में प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है। हिंदुत्व के प्रत्येक कार्यकर्ता को भ्रष्टाचार निर्मूलन कार्यकर्ता बनाने के दृष्टिकोण से इस अधिवेशन में जागरण किया गया, अधिवेशन में प्रयागराज तथा वाराणसी में स्वतंत्र अधिवक्ता अधिवेशन करने का निर्णय हुआ है।
अधिवेशन में उपस्थित पत्रकार बंधुओं ने लखनऊ में देशभक्त पत्रकारों का एकदिवसीय अधिवेशन आयोजित करने का निर्णय लिया है। अधिवेशन में उपस्थित आध्यात्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने हिन्दू राष्ट्र के ईश्वरीय कार्य के लिए आध्यात्मिक स्तर बढाने हेतु भगवद़्भक्ति बढाने पर बल दिया। सनातन संस्था की ओर से मानव निर्मित और प्राकृतिक आपदाओं के समय स्वयं की सुरक्षा किस प्रकार से कर सकते हैं इस विषय में भी अधिवेशन में प्रशिक्षण दिया गया, ऐसी जानकारी सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंस जी ने दी।