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स्‍व.कपीश उपाध्‍याय की स्‍मृति में हुआ भजन सन्‍ध्‍या का आयोजन



 10/Nov/22

आत्‍मा अजर अमर अविनाशी है जिसे न तो अग्नि जला सकती है और न ही वह किसी शस्‍त्र से काटी जा सकती है और न ही वायु उसे बहा सकती है। गीता में भी यही संदेश दिया गया है। संसार में मृत्‍यु ही परम सत्‍य है जो अवश्‍यम्‍भावी है। अतएव मृत्‍यु से भयभीत होने की आवश्‍यकता नहीं है। मनुष्‍य को चाहिए कि वह आत्‍मा को जानने का प्रयास करें। कबीर दास जी ने भी क‍हा है साधे यह मुर्दों का गॉव। यह उद्गार गायत्री मंदिर में कपीश उपाध्‍याय मेमोरियल ट्रस्‍ट एवं श्री विश्‍वेश्‍वर ट्रस्‍ट सोसाइटी द्वारा गत रविवार को स्‍वं. कपीश उपाध्‍याय की स्‍मृति में आयोजित भजन संध्‍या में मुख्‍य अतिथि कबीर मठ के महन्‍त आचार्य विवेक दास ने स्‍वं.कपीश उपाध्‍याय को अपनी श्रद्धांजलि व्‍यक्‍त करते हुए मृत्‍युबोध विषय पर उद्बोधन प्रस्‍तुत किया।

गोरखपुर से आये महंत रामदास द्वारा खंगड़ी पर रहना नहिं देस विराना है आदि कबीर दास के निर्गुण भजनों की सफल प्रस्‍तुति के पश्‍चात गायक कलाकार बिन्‍दुमाधव उपाध्‍याय एवं गणेश पाठक ने भजनों का अत्‍यन्‍त मनोहारी कार्यक्रम प्रस्‍तुत करते हुए जगजीत सिंह की गजल चिट्ठि न कोई संदेश की सफल प्रस्‍तुति करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित किया जिनका सहयोग तबले पर सुशील पाण्‍डेय, बांसुरी पर प्रेम व आर्गन पर संदीप ने प्रस्‍तुत किया।

आये हुए अभ्‍यागतों व मुख्‍य अतिथि व कलाकारों का स्‍वागत ट्रस्‍टी विनोद शंकर उपाध्‍याय ने किया तथा विशिष्‍ट अतिथि पं.किशन महाराज फाउण्‍डेशन की महासचिव श्रीमती अंजलि मिश्रा का माल्‍यार्पण करके ट्रस्‍टी श्रीमती रश्मि शर्मा ने स्‍वागत किया। कार्यक्रम का संचालन ट्रस्‍टी एस.पी.श्रीवास्‍तव ने किया तथा आभार प्रदर्शन ट्रस्‍टी व सेक्रेटरी विश्‍वेश्‍वर ट्रस्‍ट सत्‍य नारायण पाण्‍डेय ने किया। उक्‍त आयोजन से सेक्रेटरी मुकेश चन्‍द्र पाठक, डॉ.प्रेम शंकर पाण्‍डेय, वीरेन्‍द्र नाथ तिवारी, एडवोकेट, श्रीमती रमा उपाध्‍याय, मिथिलेश मिश्रा एड, रामेश्‍वर पाण्‍डेय, धनंजय दूबे, मोहन पाण्‍डेय, कमल श्रीवास्‍तव, संतोष दूबे सहित भारी संख्‍या भारी संख्‍या में भक्‍तजन उपस्थित रहे जिन्‍होंने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।


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