वक्फ बोर्ड के अवैध कब्जे वाली जमीन को खाली कराकर उस पर स्कूल, अस्पताल और पार्क बनवाए जाएंगे : धर्मपाल सिंह
उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास, राजनैतिक पेंशन, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज तथा नागरिक सुरक्षा मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प के अनुरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बना रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा अल्पसंख्यक छात्रों एक हाथ में कुरान तो दूसरे में लैपटॉप हो के अनुरूप मदरसो में पढ़ने वाले अल्पसंख्यक बच्चों को अब हिंदी, गणित, साइंस व सामाजिक विज्ञान आदि विषयों की शिक्षा दिया जायेगा। जिससे वे मात्र दीन की पढ़ाई कर मौलबी न बनकर अब ईएएस, पीसीएस, इंजीनियर और डॉक्टर बने। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि अब हुजूर के बच्चे ही हुजूर नहीं, बल्कि मजदूर के बच्चे भी हुजूर बनेंगे।
उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास, राजनैतिक पेंशन, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज तथा नागरिक सुरक्षा मंत्री धर्मपाल सिंह मंगलवार को अपने वाराणसी दौरे के दौरान सर्किट हाउस में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करने के पश्चात पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रत्येक उत्तर प्रदेश के सभी विधानसभा में एक-एक वृहद गोवंश स्थल बनाया जाएगा। जिसमें 2 से 4 हजार गोवंश आश्रय ले सकेंगे। प्रत्येक गोवंश पर 12 करोड़ तक रुपए व्यय होंगे। उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड के अवैध कब्जे वाली जमीन को खाली कराकर उस पर लिए स्कूल, अस्पताल और पार्क बनवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि शासन के निर्देशानुसार जनपद के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का जनपद स्तरीय त्रिसदस्यीय कमेटी द्वारा सर्वे किया गया, जिसमें गैर मान्यता प्राप्त कुल 99 मदरसे प्रकाश में आये साथ ही जिलाधिकारी वाराणसी के निर्देश के क्रम में जनपद के 108 मान्यता प्राप्त एवं राज्यानुदानित मदरसो का भी सत्यापन किया गया। राज्य पोषित छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति योजना विभाग द्वारा संचालित उक्त योजनान्तर्गत पूर्वदशम में 2666 एवं दशमोत्तर कक्षाओं में 3050 छात्र/छात्राओं द्वारा अन्तिम रूप आवेदन पत्र आनलाइन किया गया है, जिनके भुगतान सम्बन्धी कार्यवाही की जा रही है।केन्द्र पुरोनिधानित छात्रवृ योजना में प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत 8696 छात्र/छात्राओं द्वारा अन्तिम रूप से आवेदन किया गया है। जिसका शैक्षिक संस्था स्तर से आवेदन पत्रों के हार्डकापी प्राप्त होने पर परीक्षणोपरान्त भुगतान की कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत 494 छात्र/छात्राओं द्वारा अन्तिम रूप आवेदन किया गया है। जिसका शैक्षिक संस्था स्तर से आवेदन पत्रों के हार्डकापी प्राप्त होने पर परीक्षणोपरान्त भुगतान की कार्यवाही की जायेगी।मीन्स छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत 38 छात्र/छात्राओं द्वारा अन्तिम रूप से आवेदन किया गया है।जिसका शैक्षिक संस्था स्तर से आवेदन पत्रों के हार्डकापी प्राप्त होने पर परीक्षणोपरान्त भुगतान की कार्यवाही की जायेगी। मदरसा धुनिकीकरण योजनान्तर्गत जनपद वाराणसी में 72 मदरसों में विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, समाजिक विषय आदि की शिक्षा दी जाती है, जिनके 186 शिक्षकों को वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्यांश मद में धनराशि रू. 19.75 लाख एवं केन्द्रांश मद में धनराशि रू. 37.77 लाख का भुगतान किया गया है।
राज्यानुदानित मदरसों के शिक्षकों/शिक्षणेत्तर कर्मियों वेतन आदि का भुगतान नियमित किया जा रहा है। मदरसा मिनी आई.टी.आई. के अनुदेशकों/कर्मियों को वेतन आदि का भुगतान के तहत जनपद में 03 मदरसों में मिनी आई.टी.आई. योजना संचालित है। जिनमें कम्प्यूटर आपरेटर एण्ड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट (कोपा), सिलाई-कटाई, इलेक्ट्रानिक्स, इलेक्ट्रीशियन, रेफ्रिजरेशन एवं एयर कन्डिशनिंग आदि ट्रेडों का प्रशिक्षण दिया जाता है। इनके अनुदेशकों/कर्मियों को वेतन आदि का भुगतान नियमित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में पशुओँ में फैले लमपी डिज़ीज़ पर पूरी तरह काबू पा लिया गया हैं। इसके लिये कोरोना कर्फ्यू की भांति कई प्रदेशों एवं उत्तर प्रदेश के कई मंडलों से पशुओं का आना जाना बंद किया गया। जनपद में 245500 गोवंशीय पशुओं में एल०एस०डी० वैक्सीनेशन किया गया। वर्तमान समय में स्थिति नियंत्रण में है, जनपद में 03 नये पशु चिकित्सालय खोले जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, जिस पर अतिशीघ्र निर्णय लेते हुए पशु चिकित्सालय का निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा। मनरेगा के द्वारा चारागाह की भूमि पर नेपियर घास के रोपण की तैयारी चल रही है। डा० अंशु शर्मा के द्वारा अपने समूह की महिलाओं से दीया, गोबर का लट्ठा आदि तैयार किया जा रहा है, गोबर से पेण्ट एवं मूर्ति आदि के प्रशिक्षण हेतु समूह की महिलाओं को बदायूँ में प्रशिक्षण हेतु भेजने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा दो कैटिल कैचर, छुट्टा गोवंशों को पकड़ने हेतु कार्यवाही अंतिम चरण में है। जनपद को दो सचल एम्बुलेन्स प्राप्त हो चुकी है, इसको संचालित करने की कार्यवाही शासन स्तर पर चल रही है।
उन्होंने बताया कि वाराणसी दुग्ध संघ, रामनगर का संचालन राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने 1 दिसंबर 2021 से अपने हाथों में लिया।वाराणसी दुग्ध संघ की कमान संभालने के बाद एनडीडीवी ने दूध के संकलन एवं गुणवत्ता को सुनिश्चित हेतु सभी दिशाओं में प्रयास किए। इससे पूर्व वाराणसी का कुल दूध संकलन औसतन 150 समितियों से 5000-6000 लीटर था, अभी वर्तमान में वाराणसी दुग्ध संघ का कुल संकलन लगभग 260 समितियों से औसतन 20000-22000 लीटर है।शुरुआत में पराग के कुल दूध का विक्रय 9500 प्रतिदिन था जो अब वर्तमान में 13000-14000 प्रतिदिन हो गया है। दिसम्बर 2021 के पूर्व दुग्ध समितियों का दुग्ध मूल्य भुगतान लगभग 06 माह से लंबित था, जो वर्तमान में ससमय भुगतान किया जा रहा है। विगत एक वर्ष में दुग्ध संघ ने वाराणसी कार्य क्षेत्र में लगभग 18 करोड़ रुपये का भुगतान दुग्ध मूल्य के सापेक्ष किया गया है, जिससे हमारे किसानों की अत्यंत लाभ हुआ है। शुरुआत मे दूध की गुणवत्ता अत्यंत ही खराब थी और दूध का एमबीआरटी जो कि दूध की गुणवत्ता को नापने का एक मुख्य आयाम है केवल 5 मिनट था, वर्तमान में एमबीआरटी टाइम 45 मिनट है । दूध की गुणवत्ता को सुधारने हेतु तथा कोल्ड चेन बनाए रखने हेतु टैंकर के माध्यम से बीएमसी के दूध का परिवहन शुरू किया गया। दूध की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए बीएमसी का महत्वपूर्ण योगदान है। वर्तमान में 4 नई बीएमसी को कार्यरत किया गया जिससे अब कुल कार्यरत बीएमसी की संख्या 8 हो गई है। वर्तमान में, वाराणसी दुग्ध संघ, दुग्ध संकलन के साथ साथ पशु पालकों को पशु आहार, हरा चारा बीज, मिनरल मिक्सचर (खनिज मिश्रण) तथा पशुओं की प्राथमिक दवाएं भी समिति के माध्यम से निरंतर उपलब्ध करा रहा है । इसके साथ किसानों को प्रशिक्षण भी निरंतर रूप से कराया जा रहा है।