काज़िस्तान से आयी स्पेशल गेस्ट एगेरिम सानबायेवा और असेम उकिशेवा भी उपस्थित रही
वाराणसी। जान्हवी के तट पर तीन दिवसीय गंगा महोत्सव का शनिवार को आगाज हुआ। मंत्रीद्वय आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र 'दयालु' व स्टाम्प मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने दीप प्रज्वलित कर विधिवत शुरुआत की। इस अवसर पर काज़िस्तान से आयी स्पेशल गेस्ट एगेरिम सानबायेवा और असेम उकिशेवा भी उपस्थित रही।
पवित्र नदी गंगा के तट पर अति सौंदर्य एवं मनोरम माहौल का वाद्य-वृंद रचनाओं के साथ मिश्रण एक ऐसा अनूठा अनुभव है : रविंद्र जायसवाल
गंगा महोत्सव के अवसर पर गंगा घाट पर उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के स्टाम्प मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने कहा कि पवित्र नदी गंगा के तट पर अति सौंदर्य एवं मनोरम माहौल का वाद्य-वृंद रचनाओं के साथ मिश्रण एक ऐसा अनूठा अनुभव है, जो शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। इस उत्सव में शास्त्रीय संगीत के दिग्गजों द्वारा जो संगीतमय माहौल उत्पन्न होता है उसका अद्भुत अनुभव भी अविस्मरणीय है। उन्होंने कहा कि गंगा महोत्सव के समापन दिवस पर देव दीपावली जैसा एक उज्जवल पर्व मनाया जाता है, जो गंगा महोत्सव का मुख्य आकर्षण होता है। इस पर्व के दौरान गंगा नदी के पावन जल में श्रद्धालुओं योजनाओं द्वारा लाखों दीये विसर्जित किए जाते हैं जो एक अविस्मरणीय दृश्य होता है। साथ ही इस पर्व के दौरान पूरे वातावरण में धूप की सुगंध फैल जाती है एवं मंत्रों की मंत्रमुग्ध होने वाली ध्वनि गूँज उठती है। जिससे ऐसा महसूस होता है कि मानो आप खुद स्वर्ग में इस दिव्य पर्व के साक्षी बनने आए हों।
शिव की जटा से निकलकर गंगा काशी में ही आकर शिव से मिलती है, यह अद्भुत एवं अविस्मरणीय है : दयाशंकर मिश्र 'दयालु'
मुख्य अतिथि आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र 'दयालु' ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिव की जटा से निकलकर गंगा काशी में ही आकर शिव से मिलती है, यह अद्भुत एवं अविस्मरणीय है। उन्होंने गंगा महोत्सव मंच की तारीफ करते हुए कहा कि यह काशी के उभरते हुए कलाकारों के लिए बहुत बड़ा मंच है। जिस पर अपनी प्रतिभा को बिखेरने के लिए कलाकार उत्साहित रहते हैं। काशी संगीत का बहुत बड़ा घराना है। संगीत के बड़े-बड़े कलाकार भारत रत्न बिस्मिल्लाह खान, किशन महाराज, बिरजू महाराज सरीखे लोग काशी से ही रहे।
कार्यक्रम का शुरुआत जन्म-जन्म योगी के शंख नाद से हुआ। तत्पश्चात दुर्गा प्रसाद प्रसन्ना शहनाई वादन, रुचि मिश्रा कथक नृत्य, सम्यक पराशरी बांसुरी वादन, राजीव कुमार मलिक शास्त्रीय गायक, विशाल कृष्णा कथक नृत्य, राहुल रोहित मिश्रा शास्त्रीय गायन तथा कृष्णाक्षी कश्यप (आसाम) ने सतरिया नृत्य चलो प्रस्तुत किया।