उत्तर प्रदेश सरकार के आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से दिल्ली में मुलाकात कर बीएचयू स्थित मदन मोहन मालवीय कैंसर हास्पिटल, लहरतारा स्थित होमी भाभा कैंसर हास्पिटल तथा बीएचयू स्थित सर सुंदरलाल लाल चिकित्सालय में वार्डो की संख्या, आईसीयू, कैंसर सर्जन, तकनीकी स्टाफ एवं रेडिएशन मशीनो की संख्या सहित चिकित्सा के विभिन्न संशाधनों को बढाने की मांग की है इस संबंध में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दयालु ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को दो अलग अलग पत्र सौंपे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को सौंपे गए पहले पत्र में आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र "दयालु" ने वाराणसी स्थित पं. मदन मोहन मालवीय कैंसर हास्पिटल एवं होमी भाभा कैंसर हास्पिटल का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्तमान में उपरोक्त हॉस्पिटल में कैंसर सर्जन की संख्या 4 या 5 एवं रेडिएशन मशीनों की संख्या 4 है जबकि आपरेशन थियेटर की संख्या 15 है। कैंसर सर्जन एवं रेडिएशन मशीनो की संख्या, मरीजो के सापेक्ष कम होने के कारण आपरेशन की तिथि 6 माह एवं रेडिएशन(सिकाई) की तिथि 3 माह उपरांत ही मिल पाती है। उक्त चिकित्सालय में पूर्वांचल के अलावा बिहार, मध्यप्रदेश, झारखंड एवं छत्तीसगढ़ राज्यों के समीपवर्ती जिलो से आने वाले मरीजो की अत्यधिक संख्या के सापेक्ष उपलब्ध संसाधन सीमित होने के कारण कैंसर जैसी गंभीर बिमारी से पीड़ित मरीजो के ससमय चिकित्सा सुविधा मिल पाने में होने वाले विलम्ब के कारण उनकी स्थिति गंभीर होती चली जाती है।
दयालु ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से पत्र में आग्रह किया कि समस्या के समुचित निराकरण हेतु उपरोक्त दोनो हास्पिटल में कैंसर सर्जन, रेडिएशन मशीनों की संख्या, स्टाफ/तकनीकी स्टाफ एवं अन्य आवश्यक संसाधन बढाए जाने के लिए सार्थक पहल करने का आग्रह किया। जनसंपर्क अधिकारी गौरव राठी ने जारी बयान में बताया कि आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र "दयालु" ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को सौंपे गये दूसरे पत्र में बीएचयू स्थित सर सुंदरलाल चिकित्सालय का उल्लेख करते हुए कहा कि इस चिकित्सालय में पूर्वांचल ही नही अपितु बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्यों के साथ ही समीपवर्ती जिलों से बड़ी संख्या में मरीज उपचार हेतु आते है, यहां वर्तमान में उपलब्ध संशाधनों में 500 बेड की आई.पी.डी.के सापेक्ष मात्र 16 बेड का आईसीयू एवं 15 बेड का सीसीयू है। उन्होंने पत्र में कहा कि गंभीर मरीजो के सापेक्ष आईसीयू एवं सीसीयू में बेडों की संख्या पर्याप्त न होने के कारण गंभीर मरीजो को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, चिकित्सा सुविधा में विलम्ब होने के कारण उनकी स्थिति अत्यंत गंभीर हो जाती है। ओपीडी एवं आईपीडी में मरीजों की संख्या अत्यधिक होने के कारण पर्याप्त वार्ड नही है।