भारतीय वैश्य चेतना महासभा, मण्डल वाराणसी के तत्वाधान में पाण्डेयपुर-पैगंबरपुर-पंचकोशी मार्ग पर स्थित श्री राम पीजी कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड एजुकेशन के प्रांगण में कलचुरी, कलवार, कलाल समाज के कुलदेवता हैहयवंशी राज राजेश्वर भगवान कार्तवीर सहस्त्रबाहु अर्जुन जी महाराज का जन्मोत्सव प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी मनाया गया, इनका जन्म कार्तिक मास शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि को हुआ था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल और अध्यक्षता वैश्य समाज के शिरोमणि तेज बहादुर गुप्ता रहे। कार्यक्रम उद्घाटनकर्ता के रूप में भारतीय वैश्य चेतना महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविन्द गांधी एवं अति विशिष्ट अतिथि द्वय के रूप में जायसवाल क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज जायसवाल एवं जायसवाल युवा मंच, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अजितेश जायसवाल तथा संचालन विनय जायसवाल ने किया। जन्मोसत्व कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा सर्वप्रथम कुलदेवता सहस्त्रबाहु अर्जुन जी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर प्रारम्भ किया गया, उद्घाटनकर्ता एवं भारतीय वैश्य चेतना महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविन्द गांधी द्वारा महाविद्यालय प्रांगण में एक कक्ष में भारतीय वैश्य चेतना महासभा के मण्डल वाराणसी के कार्यालय का फीता काटकर उद्घाटन किया गया। जन्मोत्सव कार्यक्रम में सभी अतिथियों का माल्यार्पण, पुष्प गुच्छ, स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्रम आदि देकर समिति के सदस्यों द्वारा सम्मान किया गया।
मुख्य अतिथि उप्र सरकार के राज्य मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने कहा कि अब वैश्य समाज को कमजोर समझने वाले लोग अज्ञानी है, क्योंकि अब देश में माननीय प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री के नेतृत्व में वैश्य समाज स्थापित हो चुका है। उद्घाटनकर्ता के रूप में भारतीय वैश्य चेतना महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविन्द गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्य समाज के प्रभावी, सफल, स्थापित व सक्षम लोग, समाज के कमजोर निरीह लोगो की हर प्रकार से मदद कर उनका विकास करें, साथ ही साथ राजनीति में, समाज में, व्यापार में एवं व्यवहार में योग्य प्रतिभाओं को पहचान कर उन्हें आगे बढ़ाने का निरन्तर कार्य करें।
भारतीय वैश्य चेतना महासभा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश गांधी ने कहा कि वैश्य समाज का कोई साथी यदि अपने स्वाभिमान के कारण कुछ गलत भी तो उसकी आलोचना मत करिए बल्कि कोई आलोचना कर भी रहा हो तो उसका मुंह बंद कर दीजिए। विशिष्ठ अतिथि के रूप में जायसवाल क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने कहा कि जायसवाल समाज का इतिहास, वर्तमान एवं भविष्य हमेशा गौरवशाली.. था, है और रहेगा, समाज में एक से एक प्रतिभा है जिसे हम सबको को अपनी भावना से जोकर आगे बढ़ाना होगा। विशिष्ठ अतिथि के रूप में जायसवाल युवा मंच के प्रदेश अध्यक्ष अजितेश जायसवाल ने कहा कि जायसवाल समाज सहित सभी वैश्य जाति व उपजाति के स्वजातीय बन्धुओं को समाज के उत्थान के लिए रोटी-बेटी का सम्बन्ध स्थापित करना पड़ेगा। भारतीय वैश्य चेतना महासभा युवा के प्रदेश अध्यक्ष वैश्य प्रदीप जायसवाल ने कहा कि हम लोगो के कुलदेवता सहस्त्रार्जुन एक चंद्रवंशी राजा थे, सहस्रबाहु का जन्म महाराज हैहय की 10वीं पीढ़ी में माता पद्मिनी के गर्भ से हुआ था, चन्द्रवंश के महाराजा कृतवीर्य के पुत्र होने के कारण उन्हें कार्तवीर्य-अर्जुन कहा जाता है। कृतवीर्य के पुत्र अर्जुन थे। कृतवीर्य के पुत्र होने के कारण उन्हें कार्त्तवीर्यार्जुन भी कहा गया।
कार्यक्रम में वाराणसी मण्डल प्रभारी पारस नाथ जायसवाल ने कहा कि राज राजेश्वर कार्त्तवीर्यार्जुन ने अपनी अराधना से भगवान दत्तात्रेय को प्रसन्न किया था, भगवान दत्तात्रेय ने युद्ध के समय कार्त्तवीर्याजुन को हजार हाथों का बल प्राप्त करने का वरदान दिया था, जिसके कारण उन्हें सहस्त्रार्जुन कहा जाने लगा। इन्हें ही सहस्रबाहु अर्जुन कहा गया। अन्त में धन्यवाद प्रकाश के रूप में भारतीय वैश्य चेतना महासभा, वाराणसी के शिक्षक सभा के जिलाध्यक्ष एवं श्रीराम पीजी कॉलेज के प्रबंधक महेन्द्र जायसवाल ने जन्मोत्सव कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों एवं स्वजातीय बन्धुओं का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से नव चयनित एसडीएम शिवम गुप्ता, प्राचार्य डॉ. बृजेश जायसवाल, भारतीय तेली समाज युवा के प्रदेश अध्यक्ष देवकुमार साहू, जायसवाल क्लब के प्रदेश कोषाध्यक्ष मुरलीधर जायसवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष आशीष साहू, युवा प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष गुप्ता मद्धेशिया, युवा प्रदेश महासचिव विनीत बरनवाल, पार्षद गोपाल जायसवाल, नीरज जायसवाल, महानगर अध्यक्ष अनिल जायसवाल, राजकुमार जायसवाल, अरविंद जायसवाल, दिव्यांश गुप्ता, सौरभ जायसवाल, रवि जायसवाल, अविनाश जायसवाल, सौरभ जायसवाल, राजेंद्र गुप्ता, विनय जायसवाल एडवोकेट, राजेश गुप्ता, प्रदीप मोदनवाल, रोहित जायसवाल, दिव्यांश जायसवाल, पप्पू जायसवाल, विष्णु जायसवाल, नितेश जायसवाल सागर, मनीष जायसवाल राहुल गुप्ता, दुर्गेश जायसवाल (प्रधान रैपुरा), धर्मेंद्र जायसवाल बाबू, नीरज जायसवाल, आशीष साहू, पंचम सेठ, राहुल जायसवाल, अमित जायसवाल, अरविंद जायसवाल, अंकित जायसवाल, राहुल जायसवाल, अविनाश जायसवाल आदि थे।