सनबीम भगवानपुर के सभागार में शिक्षकों के लिए एक कार्यशाला ‘‘टिचर्स कान्क्लेव’’ का आयोजन किया गया। कार्यशाला का प्रारम्भ दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। सनबीम विद्यालय की छात्राओं ने महिला सशक्तिकरण पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किया।
सभा के मुख्य अतिथि के. सत्यनारायण आईजी, वाराणसी ने उपस्थित शिक्षकों एवं विशिष्ट जनों को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश में ऐसी शिक्षा की जरूरत है जो बच्चों की रूचि और क्षमता के अनुसार हो। इससे छात्रों को बेहतर भविष्य निर्माण में मदद मिलेगी। आज शिक्षा पर बाध्यता न होकर उन्मुक्तता की आवश्यकता है। उन्होंने अपने उद्बोधन में यह भी बताया कि किस प्रकार नवीन शिक्षा नीति एक बेहतर भारत के निमार्ण में कारगर सिद्ध होगा। अशोक गांगुली सीबीएसई पूर्व अध्यक्ष, देव्यानी कपूर ऐडूदेव संस्था की संस्थापिका, प्रतिमा गुप्ता सह निदेशिका सनबीम ग्रुप, डॉ. शौर्य कुतप्पा एकेडमीक मैनेजर अमृता विश्वविद्यापीठम् ने अपने-अपने अनुभव पर आधारित विभिन्न विषयों पर कार्यशाला में योगदान प्रदान किए। उन्होंने उपस्थित अध्यापकों को आने वाले कल को कैसी शिक्षा प्रणाली की जरूरत होगी एवं वर्तमान में प्रस्तावित शिक्षा नीति को कारगर रूप से प्रभावी करने में किस प्रकार की चुनौतियों के बारे में जागरूक किया। विचारों की अभिव्यक्ति ने कार्यशाला में ऊर्जा और उत्साह का संचार किया। अध्यात्म से संस्कृति और संस्कृति को साथ लेकर चलती हुई यह बौद्धिक यात्रा अपने आप में अनुपम थी।
सभा में मानद निदेशक सनबीम ग्रुप हर्ष मधोक, सनबीम ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप मुखर्जी, प्रधानाचार्या श्रीमती गुरमीत कौर, उपप्रधानाचार्या श्रीमती प्रेरणा शर्मा आदि मुख्य जनों की भी गरिमयी उपस्थिति रही। अन्त में अपने धन्यवाद ज्ञापन में प्रधानाचार्या, सनबीम स्कूल भगवानपुर ने आशा व्यक्त की, कि यह कार्यशाला अवश्य ही अध्यापकों के लिए दिशा निर्देश का कार्य करेगी। इससे अध्यापकों को बच्चों के मनोविज्ञान को समझकर उनकी क्षमता और रूचि के अनुसार उन्हें शिक्षित करने में मदद मिलेगी। विषय विशेष के सलाहकारों और मार्गदर्शकों ने सामुहिक शिक्षण पद्धति को अपनाते हुए शिक्षा के आने वाले कल को नये आयाम दिये।