भारतीय बाल अकादमी के बाल संक्रमण पर आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन बच्चों में होने वाले विभिन्न संक्रमणों पर चर्चा हुई। कोलकाता के डॉक्टर आर कुंडू ने ट्रॉपिकल बुखार पर विस्तृत चर्चा करते हुए टाइफाइड में बढ़ते रेजिस्टेंस पर चिंता व्यक्त किया।
एंटीबायोटिक्स पर मुंबई की डॉ तनु सिंघल ने विस्तार से बताते हुए उसके फायदे एवं नुकसान से अवगत कराया। बार-बार होने वाले संक्रमण से सावधान करते हुए राजकोट से आए डॉ जगदीश पोपट ने आगाह किया कि ऐसे बच्चों की सघनता से जांच कर कारण का पता लगाना अत्यंत आवश्यक है। दिल्ली के डॉक्टर चितकारा ने बच्चों में संक्रमण के लिए कराने वाले जांचो के उपयोगिता के बारे में बताया एवं कुछ जांचों की उपयोगिता पर बल दिया। सर्वाइकल कैंसर के बारे में डॉक्टर जयदीप चौधरी ने बताते हुए कहा कि हर महिला को 9 से 45 वर्ष के बीच में यह टीका लगवा लेना चाहिए, जिससे वह सर्वाइकल कैंसर से बच सकें।
मूत्र के संक्रमण का पर्याप्त जांच कर उसके इलाज की आवश्यकता पर बल दिया।जानवरों के काटने पर होने वाले संक्रमण एवं बचाव पर चेन्नई के डॉक्टर बालासुब्रमण्यन ने सारे उपायों पर जोर दिया। नवजात शिशु में होने वाले संक्रमण पर बीएचयू के डॉक्टर अशोक चौधरी ने बताया कि थोड़ी सी भी लापरवाही जानलेवा हो सकती है। चिकन पॉक्स और नीमोकॉक्कल वैक्सीन उपयोगिता पर वक्ताओं ने विस्तार से बताया।
कार्यक्रम के संचालन आयोजन सचिव अशोक राय एवं धन्यवाद भारद्वाज एवं डॉक्टर डी॰एम गुप्ता ने दिया।