सनबीम शिक्षण समूह अपने 50 वर्ष पूर्ति के उपलक्ष्य में साल भर विविध आयोजन करने के लिए संकल्पित है। विद्यार्थियों के बहुमुखी प्रतिभा के एवं कौशल विकास के लिए तत्पर सनबीम शिक्षण समूह शैक्षणिक, सांगीतिक एवं गैर शैक्षणिक क्षेत्र के विविध आयोजन कर रहा है। इसी कड़ी में सनबीम लहरतारा के दृश्य एवं चित्र कला विभाग द्वारा सनबीम लहरतारा के प्रांगण में दो दिवसीय क्रिएटिव चित्र कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यह प्रदर्शनी पद्मभूषण से सम्मानित विख्यात मूर्तिकार सोमनाथ होरे एवं स्कॉटलैंड के विख्यात कलाकार विलियम टर्नबूल के जन्मशताब्दी वर्ष पर उन्हें समर्पित किया गया है। इनके अतिरिक्त कला जगत के विख्यात जानकर, बांग्ला एवं हिंदी हेरिटेज फिल्म निदेशक पद्मभूषण के सम्मानित श्री मृणाल सेन एवं विख्यात एब्स्ट्रैक्ट पेंटर श्री राम कुमार जी के आगामी जन्म शताब्दी वर्ष के लिए उनको भी समर्पित किया गया है। इस संपूर्ण प्रदर्शनी में प्रदर्शित चित्र विद्यार्थियों द्वारा खीचें एवं तैयार किये गए हैं ।
सम्पूर्ण प्रदर्शनी का निर्देशन विख्यात शिक्षाविद एवं नाटककार परनब मुखर्जी ने किया। विशेष कलाकार के रूप में फिल्मकार सहज उमंग सिंह भाटिया ने योगदान दिया । इस प्रदर्शनी के माध्यम से विद्यार्थियों को देश की विरासत, देश के कलाकारों को जानने और समझने का मौका मिल रहा है ।
प्रदर्शनी का उद्घाटन कोलकाता से आये विख्यात तबलावादक कलाकार पंडित समर साहा एवं दृश्य कला संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के गुरु डॉ.सुरेश नायर ने संयुक्त रूप से किया ।
प्रदर्शनी के आरम्भ में सनबीम लहरतारा के विद्यार्थियों ने नाट्य अंग आधारित नृत्य की प्रस्तुति के माध्यम से कला के उच्च आयाम से परिचित कराया ।
अतिथियों का स्वागत सनबीम शिक्षण समूह की उपनिदेशिका श्रीमती अमृता बर्मन ने किया और उन्होंने इस अवसर पर विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम और ऐसी प्रदर्शनी शिक्षा का सबसे बेहतरीन माध्यम है, दृश्य कला एवं चित्रकला सृजन का सबसे सार्थक माध्यम है।
सनबीम शिक्षण समूह के अध्यक्ष डॉ.दीपक मधोक एवं निदेशिका श्रीमती भारती मधोक ने इस अवसर पर कहा कि सनबीम शिक्षण समूह अपने 50 वर्षों की यात्रा करने के बाद अब खुद को और ज़िम्मेदार महसूस कर रहा है और इसीलिये विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए हर माध्यम से शिक्षा को बेहतरीन स्वरूप में उन तक पहुंचा रहा है।
इस अवसर पर नाद वाचस्पति पुरस्कार से सम्मानित डॉ.गौतम चटर्जी, व्योमेश शुक्ल जैसे अनेक गणमान्य एवं कलाप्रेमी उपस्थित रहे।