ज्ञानवापी मस्जिद के पीछे श्रृंगार गौरी विवाद मामले में पोषणियता को लेकर राखी सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार मामले में जिला जज वाराणसी ए.के विश्वेश की अदालत में दायर मुकदमें में ऐतिहासिक निर्णय देते हुए जज साहब ने उपरोक्त मुकदमा न्यायालय में चलने योग्य बताया है । बताते चलें कि ज्ञानवापी मस्जिद श्रृंगार गौरी विवाद को लेकर पिछले कई महीनों से जिला जज की अदालत में विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह 'बिसेन' ने राखी सिंह एवं अन्य की ओर से पोषणियता को लेकर दायर मुकदमें में एकला चलो की राह पर श्री विसेन डटे रहे, आज इस ऐतिहासिक फैसले से वे काफी मगन है। क्योंकि अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी के द्वारा दिऐ गऐ ऑर्डर 7 रुल 11 के प्रार्थना पत्र को जज साहब खारिज कर दिया। भले ही श्रृंगार गौरी दर्शन मामले में 5 महिलाओं की ओर से दाखिल मुकदमें शामिल राखी सिंह शामिल हैं लेकिन कभी नजर नहीं आई। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन विष्णु जैन और वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन का विवाद मीडिया की सुर्खियों में आ गया। इतना ही नहीं बल्कि विशेष साहब को अपने ही लोगों से जान का खतरा नजर आने लगा और अपने आय-व्यय का लेखा जोखा सार्वजनिक करने के लिए मजबूर होना पड़ा। कुल मिलाकर विसेन साहब को जहां एक और ज्ञानवापी मस्जिद की ओर के मुस्लिम पक्षकारों के साथ न्यायालय में लड़ना पड़ रहा है, वही हिंदू पक्षकारों और प्रशासन से लड़ना पड़ा रहा है। विसेन ने श्रृंगार गौरी मामले को लेकर अपनी जान के लिए खतरा बताया है। इस पर जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है।