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जदगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज का निधन सनातन धर्म के लिये अपूर्णीय क्षति : अजय राय, वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता, व पूर्व विधायक



 12/Sep/22

पूर्व विधायक व वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय राय ने शोक संदेश जारी कर कहा कि परम पूज्य जदगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है, महाराज जी का निधन सनातन धर्म की अपूरणीय क्षति है, मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी पवित्र आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज करोड़ों सनातन हिन्दुओं  की आस्था के ज्योति स्तंभ थे। जगद्गुरु शंकराचार्य श्री स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी दो मठों (द्वारका एवं ज्योतिर्मठ) के शंकराचार्य थे। वह स्वम् में ज्ञान के भंडार थे तपस्वी थे सही मायने में अंधियारे में प्रकाश की लौ थे। उन्होंने नौ वर्ष की उम्र में उन्होंने घर छोड़ कर धर्म यात्रायें प्रारम्भ कर दी थीं। इस दौरान वह काशी पहुंचे और यहां उन्होंने ब्रह्मलीन परमपूज्य श्री स्वामी करपात्री जी महाराज वेद-वेदांग, शास्त्रों की शिक्षा ली। यह वह समय था जब भारत को अंग्रेजों से मुक्त करवाने की लड़ाई चल रही थी। इस वक्त स्वतंत्रता की लड़ाई में स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी दो बार जेल यात्रा किये, उनकी पूरी जीवनी एक प्रेरणाप्रद है। स्वामी जी ने धर्म, अध्यात्म, सनातन रक्षा, परमार्थ के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किये थे। हम उनके श्रीचरणों में अपना श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।


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