लोकसभा चुनाव 2019 का बिगुल बज चुका है, आरोप-प्रत्यारोप का दौर अपनी हर हद को पार करता नजर आ रहा है । अगर पिछले सरकार की वर्तमान सरकार से तुलनात्मक समीक्षा करते हुए प्रतिक्रिया राजनीतिक दलों से जानना चाहें तो ऐसा लगता है कि जैसे दुश्मन देश से जंग छिड़ गई हो ।
पहली बार काएदे से भाजपा नें पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई और मोदी जी के नेतृत्व में अपना कार्यकाल पूरा किया । उनके विकास के दावे कितने सच है और प्रधानमंत्री के रूप में वाराणसी से उनके चुनाव लड़ने के फैसले पर कौन चुनौती देगा उन्हें ? क्या उनका स्मार्ट सिटी बनारस को बनाने का सपना सच हुआ है ? क्या यहां विकास हुआ है ? कौन देगा उन्हें विपक्ष से चुनौती ? इन सवालों के जवाब पाने के लिए हमने रीयलस्टेट, शिक्षा व फिल्म उद्योग के साथ राजनीति से जुडें युवा उद्यमी चिंतक सुभाष यादव से क्लाउन टाइम्स ने एक अनौपचारिक बात-चीत की तो सुभाष यादव नें बिना लाग-लपेट, राजनीतिक नफे-नुकसान की चिंता किए बोले हां पहली बार वाराणसी में विकास दिख रहा है । बाबतपुर रोड हो या फिर अंडरग्राउंड बिजली के तारों को करना यह मोदी जी के पहले सपना ही था । सफाई इन पांच सालों बेहतर हुई है घाटों के निर्माण, जल परिवहन, शिल्पकारों के लिए ट्रेड सेंटर, पहले से बेहतर बिजली सप्लाई यह सब मोदी के ही कार्यकाल में देखने को मिला है पर राजनीति के चश्में से सिर्फ और सिर्फ खोट देखने की आदत को विपक्ष को छोड़ना चाहिए । अगर किसी ने अच्छा काम किया है तो उसकी तारीफ करनी चाहिए इससे राजनीति से जुड़े लोगों का कद ऊंचा ही होगा ।