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सनबीम समूह के 50 वें वर्ष में विद्यार्थियों द्वारा लिखित पुस्तक "वाराणसी : द इटरनल सनशाइन" का विमोचन



 08/Sep/22

पद्मभूषण पंडित साजन मिश्र, पद्मश्री पंडित राजेश्वर आचार्य, प्रो. राना पी. बी. सिंह, बीएचयू के उप-कुलसचिव डॉ. मयंक नारायण सिंह एवं दीपक मधोक ने किया पुस्तक का विमोचन

सनबीम शिक्षण समूह सूबे का प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान है जो अपने नित नवीन प्रयोगों और अभिनव प्रयासों के लिए देश भर में जाना जाता है । शैक्षणिक गुणवत्ता के साथ साथ गैर शैक्षणिक कला एवं कौशल पर ज़ोर देने के लिए मशहूर सनबीम शिक्षण समूह अपने स्थापना के 50 वर्ष की स्वर्ण जयंती मना रहा है । गौरवशाली 50 वर्षों की यात्रा में एक और उपलब्धि सनबीम के नाम हुई । सनबीम के होनहार विद्यार्थियों ने वाराणसी : द इटरनल सनशाइन नामक किताब का लेखन, संकलन किया है जिसका संपादन एवं प्रकाशन क्वील राइटर्स क्लब द्वारा किया गया है । यह पुस्तक बहुआयामी काशी के विविध रंगों को समेटे, वाराणसी के इतिहास, वर्तमान, कला-कौशल, संस्कृति एवं दैनिक जीवन की गौरवगाथा गाता है ।

सनबीम स्कूल लहरतारा के प्रांगण में इस पुस्तक के विमोचन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। बतौर मुख्य अतिथि, विख्यात शास्त्रीय गायक, पद्मभूषण से सम्मानित पंडित साजन मिश्र, बतौर विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष, पद्मश्री से सम्मानित पंडित राजेश्वर आचार्य, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के उप-कुलसचिव डॉ.मयंक नारायण सिंह एवं विख्यात शिक्षाविद प्रो राणा पी. बी.सिंह उपस्थित रहें ।

काशी के विद्वतजन की गरिमामयी उपस्थिति में इस पुस्तक का विमोचन किया गया। अतिथियों का स्वागत करते हुए सनबीम शिक्षण समूह की उप-निदेशिका श्रीमती अमृता बर्मन ने बोला कि इससे शुभ बेला नहीं हो सकती, जब एक साथ इतने सारे गुणी एवं विद्वान जन उपस्थित हो और बच्चों को और उनके प्रयास को आशीर्वाद प्रदान करें । यह आशीर्वाद हमारे विद्यार्थियों के लिए बहुत बड़ा हासिल है। बहुत बड़ा पुरस्कार है ।

सनबीम शिक्षण समूह के अध्यक्ष डॉ.दीपक मधोक एवं निदेशिका श्रीमती भारती मधोक ने बच्चों को, शिक्षकों को और उनके अभिभावकों को बधाई दी और कहा कि शिक्षक दिवस पर इस किताब के रूप में बहुत सुन्दर उपहार विद्यार्थियों ने अपने शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को दिया है। रचनाधर्मिता की यह भावना और यह प्रक्रिया यूँ ही चलती रहनी चाहिए। पूरा सनबीम परिवार उपस्थित सभी गुणी जन के प्रति आभार प्रकट करता है कि वो आज यहाँ उपस्थित होकर हमारे प्रयास को सफल बना रहे हैं और हमें बेहतर से बेहतरीन होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

पंडित साजन मिश्र ने ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि मुझे गर्व है कि मैं भी सनबीम शिक्षण समूह का अंश हूँ। ऐसे विद्यालय सही मायने में भविष्य का निर्माण करतें हैं। यहाँ की परम्परा यूँ ही समृद्ध होती रहे, सरस्वती से यही कामना है ।

पंडित राजेश्वर आचार्य ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति की चाशनी में डूबे समाज का हिस्सा होने के बावजूद सनबीम शिक्षण संस्थान एवं यहाँ के बच्चे अपनी संस्कृति की जड़ को पकड़े हुए हैं और यह प्रशंसनीय है। हमें किताब के दूसरे संस्करण की प्रतीक्षा रहेगी। बच्चों ने जिस सूझबूझ और परिपक्वता के साथ अपने विचार किताब में लिखे हैं वह उनके अंदर छिपे गंभीर लेखक और चिंतक से हमें परिचय कराता है ।

राणा पी.बी सिंह ने कहा कि मुझे खुशी है कि मैने इस किताब में अपने भाव बच्चों के लिए लिखे हैं । बच्चों के लिए लिखने का मतलब भविष्य के लिए लिखना है, भविष्य को और मजबूत करना है।

इस सारगर्भित वातावरण में विद्यार्थियों ने काशी की विरासत पर आधारित बातें रखी । इस अवसर पर विख्यात शिक्षाविद परनब मुखर्जी, हेमंत कुमार, सुश्री रुचिरा मित्तल, विश्वनाथ गोकर्ण, अशोक कपूर, उमेश सेठ, मनीष खत्री सहित अभिभावकों, शिक्षक शिक्षिकाओं और अनेक गणमान्यजन से कार्यक्रम समृद्ध रहा ।

 


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