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आश्रम के नाम जमीन खरीदने के लिए इटैलियन शिष्या से धोखाधड़ी कर 12 लाख हड़पने के मामले में महंत की अर्जी ख़ारिज



 03/Sep/22

सत्र न्यायाधीश डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने आश्रम के नाम जमीन खरीदने के लिए विदेशी इटैलियन शिष्या से 12 लाख 80 हजार रुपये धोखाधड़ी के मामले में बलरामपुर निवासी आरोपी महंत भरत गिरी उर्फ सुरेश कुमार मिश्र की जमानत अर्जी अपराध की गम्भीरता को देखते हुए खारिज कर दी।यह इटैलियन महिला संस्कृत विश्वविद्यालय की छात्रा रही और आरोपी महंत के चंगुल में फंस गई।

अभियोजन पक्ष के अनुसार वादिनी लाऊरा बरटान्गों ने 16 मार्च 2020 को दशाशश्वमेध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि वादिनी भरत गिरी जी के संपर्क में फरवरी 2007 में आई। उसने वादिनी को शिष्य के रूप में स्वीकार किया था और कहा था कि अगले कुम्भ में तेरा सन्यास संस्कार होगा। मई 2007 से लगभग सितंबर 2009 तक वादिनी उज्जैन जिले के बड़गारा गांव में रही, जहां वादिनी ने भरत गिरी जी के आश्रम का निर्माण करवाया। 2013 में प्रयागराज कुंभ के बाद भारत गिरी जी का व्यवहार पहले से अधिक संवेदनशील होने लगा। वादिनी को उनके पूज्य गुरु जी श्री महंत शंकर गिरी जी महाराज से मदद मांगना पड़ा, जिससे भरत गिरी जी को डी 34 / 33 गणेश महल के आश्रम से दूर रहना पड़ा। 2017 में भरत गिरी जी के गुरुजी ब्रह्मलीन हो गए, फिर 2019 में प्रयागराज में कुंभ के पहले भरत गिरी जी ने वादिनी संपर्क किया फोन से और बार-बार कहा कि वह आश्रम को कभी नहीं बेचना चाहता था और वह वादिनी उसके शब्दों पर विश्वास किया। 2019 फरवरी प्रयागराज कुंभ के बाद भरत गिरी आश्रम में आए, इसके बाद सच्चाई मेरे सामने आने लगी। 2018 में मकान की बिक्री सचमुच हो रही थी। वादिनी को मकान से हटाने के लिए भरत गिरी और अन्य लोग अनेक गुप्त योजनाओं में व्यस्त थे। वादिनी चाहती है कि जितना पैसा उसने दिया था, मकान खरीदने के लिए, उतना पैसा ब्याज सहित वादिनी को वापस दिया जाए। इसी दौरान बनारस में आश्रम के नाम वादिनी मकान खरीदने के लिए रुपये लिये और 12 लाख 80 हजार हड़प लिया।


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