गंगा में आए बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने पूरी तरह कमर कस रखा है व युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चला रहा है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशानुसार बाढ़ प्रभावित सभी क्षेत्रों में मजिस्ट्रेट एवं विभागीय अधिकारी बराबर भ्रमण कर राहत एवं बचाव कार्य पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। सभी बाढ़ राहत केंद्रों पर जिलाधिकारी द्वारा एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों को जिम्मेदारी सौंपी गयी है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों एवं बाढ़ राहत केंद्रों में रह रहे लोगों को राहत एवं खाद्य सामग्री का वितरण किया जा रहा है। इसके अलावा बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में मवेशियों के चारा एवं भूसे की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है। चिकित्सकीय दल द्वारा राहत शिविरों एवं बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में लोगों को उनकी आवश्यकतानुसार बेहतर चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ मवेशियों के लिए चिकित्सा एवं टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।
बताते चलें कि जनपद में कुल क्रियाशील बाढ़ राहत शिविर की संख्या 20 हैं, जहां मंगलवार को कुल 792 परिवार के 4162 लोग रूके हैं जिसमें 12 वर्ष से कम बच्चों की संख्या 1118 एवं वृद्धों की संख्या 336 है। शिविर में निवास कर रहे व्यक्तियों को वितरित भोजन सामग्री 5172, 5373 पैकेट दूध व कुल 4495 केला वितरित किए गए। बाढ़ राहत किट (सूखी सामग्री) 2706 वितरित किया गया। बाढ़ राहत केन्द्रों पर रह रही महिलाओं/किशोरियों को 906 डिग्निटी किट वितरित किया गया। इसके अलावा वितरित राहत किट (माचिस, मोमबत्ती, बिस्किट, ब्रेड) की संख्या 623 किट, तिरपाल 1100 मी० भी वितरित किया गया। बाढ़ पीड़ितों को 4806 लीटर शुद्ध पेयजल वितरित किया गया। जनपद में राहत शिविरों हेतु गठित कुल मेडिकल टीम 40 हैं। आज उपचारित व्यक्तियों की संख्या 60 तथा अब तक कुल 1264 लोगों का उपचार किया गया। आज 65 सहित अब तक 947 पैकेट ओआरएस वितरित किए गये। जबकि आज 300 तथा अब तक 6590 क्लोरिन टेबलेट वितरित किए गए। बाढ़ से प्रभावित पशुओं को आज 120 कुंतल भूसा व आज तक 1245 कुंतल भूसा वितरित किया गया। आज 12 सहित अब तक 645 पशुओं का इलाज किया गया तथा आज 36 तथा अब तक 2320 पशुओं का टीकाकरण किया गया। राहत एवं बचाव कार्य हेतु 59 नावें लगायी गयी हैं। राहत शिविरों में पशु चिकित्साधिकारी तैनात किये गये हैं। बाढ़ राहत शिविरों में साफ बिस्तर, प्रकाश, शौचालय, मेडिकल, सुरक्षा आदि की व्यवस्था की गयी है। बाढ़ राहत शिविर में विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को तैनात किया गया है।
प्रत्येक बाढ़ राहत शिविर पर उप जिलाधिकरी/अपर नगर मजिस्ट्रेट/तहसीलदार/नायब तहसीलदार को नोडल बनाया गया है। बाढ़ राहत शिविर में रह रहे व्यक्तियों हेतु भोजन/पानी की समुचित प्रबंध किया गया है। जनपद वाराणसी में गंगा नदी के खतरे का जलस्तर 71.26 मी0 है। वर्ष 2021 में गंगा नदी का अधिकतम जलस्तर 72.32 मी०था। आज प्रातः10बजे तक गंगा नदी का जलस्तर 72.14 मी० है जो वर्तमान में स्थिर है। बाढ़ से जनपद के कुल 20 वार्ड, 116 ग्राम सभा सहित कुल 136, ग्राम सभा एवं वार्ड के 31588 लोग प्रभावित हुए हैं। 20 राहत चौकी स्थापित किए गए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थान पर राहत शिविर के अतिरिक्त रिश्तेदार, पड़ोस व अन्य स्थान पर 5384, राहत शिविर में 4162 सहित कुल 9546 बाढ़ प्रभावितों को विस्थापित किया गया है। 644.026 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। इस प्रकार सदर तहसील के नगरीय के 20 वार्ड, 77 ग्राम सभा सहित कुल 97 ग्राम एवं वार्ड के 31121 लोग प्रभावित हुए हैं। 20 राहत चौकी स्थापित किए गए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थान पर राहत शिविर के अतिरिक्त रिश्तेदार, पड़ोस व अन्य स्थान पर 5263, राहत शिविर में 4162 सहित कुल 9425 बाढ़ प्रभावितों को विस्थापित किया गया है। 516.656 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुए हैं। इसी प्रकार राजातालाब तहसील के अंतर्गत 25 ग्राम सभा प्रभावित हुए हैं, जिसमें 179 लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थान पर राहत शिविर के अतिरिक्त रिश्तेदार, पड़ोस व अन्य स्थान पर 83 लोगो को लाया गया और विस्थापित किया गया। जिसमे 91.120 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुए हैं। जबकि पिण्डरा तहसील के अंतर्गत 14 ग्राम सभा प्रभावित हुए हैं, जिसमें 288 लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थान पर राहत शिविर के अतिरिक्त रिश्तेदार, पड़ोस व अन्य स्थान पर 38 लोगो को लाया गया और विस्थापित किया गया। जिसमे 36.250 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुए हैं।