भारत विकास परिषद काशी के तत्वावधान में आईएमए लहुराबीर में काशी रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जहां रक्तदाताओं ने 22 यूनिट रक्तदान कर जरूरतमंदों का सहयोग किया। इस शिविर में युवा बच्चों की भी सहभागिता रही।
मुख्य अतिथि डॉ. मधु अग्रवाल (वित्त सचिव, आई.एम.ए.) ने बताया कि रक्त-दान, महादान यानि हमारे द्वारा किये गये रक्तदान से चार पीड़ितों के जीवन की रक्षा होती है, इस लिये रक्तदान को जीवन का सबसे बड़ा दान महादान माना जाता है। एक बार में कोई व्यक्ति किसी जरूरतमंद के जीवन की रक्षा के लिये जितना रक्तदान करता है, उससे उसके शरीर व स्वास्थ्य में कोई कमजोरी नही आती है, बल्कि कुछ ही दिनों में वो खून फिर से बन जाता है, साथ ही उसे पुण्य लाभ भी मिलता है। इसी क्रम में ब्लड बैंक के पैथोलाजिस्ट डॉ. एसके जायसवाल ने बताया कि जब रक्तदाता एक यूनिट रक्तदान करता है, तो उस एक यूनिट रक्त से पी.आर.बी.सी., प्लाजमा, प्लेटलेट्स, फैक्टर 8, फैक्टर 5 और कार्यों को अलग अलग कर उससे छः रोगियों के जीवन की रक्षा की जाती है।
ब्लड बैंक एण्ड कम्पोनेन्ट यूनिट की टीम द्वारा रक्तदान से पूर्व रक्तदाताओं की काउन्सलिंग एवं रक्त परीक्षण कर उनका रक्तदान कराया गया। इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरूवात मां भारती एवं स्वामी विवेकान्द के चित्र पर माल्यापर्ण के बाद वन्देमातरम् से हुआ। कार्यक्रम का संयोजन भा. चैतन्य शाह, भा. मुकेश सेठ, भा. कोमल कपूर ने किया। इस अवसर पर इस अवसर पर काशी शाखा के अध्यक्ष मनोज गुप्ता, सचिव राकेश कुमार मेहरोत्रा, महिला संयोजिका नीरजा अग्रवाल, नीलम गुप्ता, सेवा सप्ताह संयाजिका श्रद्धा अग्रवाल, रीना गर्ग, शरद सहगल आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।