सत्र न्यायाधीश डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बाईक चोरी व धोखाधड़ी के कैंट थाने के एक मामले में आरोपित सुभाष चंद्र, अनिल राजभर, बद्री यादव, सुभाष चंद्र व विरेन्द्र दुबे को राहत नहीं दी। अदालत में जमानत अर्जी का विरोध वादी पक्ष के अधिवक्ता प्रदीप राय ने किया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी अधिवक्ता गुलाब चन्द्र पटेल ने कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि वह प्रतिदिन के तहत बनारस कचहरी में वकालत करने 12 जुलाई 2022 को सुबह 11 बजे आये। उन्होंने साइकिल स्टैंडर्ड के सामने अपनी बाईक खड़ी करके कचहरी कैंपस में चले आये। शाम को घर जाने के लिए निकले तो बाईक उस स्थान पर नहीं थी। काफ़ी खोजबीन किया पर कहीं मिलीं नही। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की तो 25 जुलाई 2022 को मुखबिर से पता चला कि गेट - 5 फुलवरिया शिव मंदिर के पास सामने से आ रहे बाइक सवार दो व्यक्तियों को रोककर नाम व पता पूछा गया तो बाईक पर आगे बैठे व्यक्ति ने अपना नाम रिंकू राजभर एवं पीछे बैठे व्यक्ति ने सत्यम पटेल बताया। बाईक का काग़ज़ मांगा गया तो नहीं दिखा सके। कड़ाई से पूछताछ में दोनों ने बताया कि यह गाड़ी 12 जुलाई 2022 को दोपहर में कचहरी के पास से चारी की थी। चोरी करते समय उनके साथ अनिल राजभर, बद्री यादव, सुभाष चंद्र व विरेन्द्र दुबे आस-पास खड़े होकर निगरानी कर रहे थे।