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मंत्री कौशल किशोर सेंट्रल जेल में फहराया तिरंगा, सेंट्रल जेल का निरीक्षण कर बंदियों से जाना उनका हाल



 17/Aug/22

आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आजादी के महापर्व 76 वें स्वतंत्रता दिवस पर सेंट्रल जेल में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर शामिल हुए और उपस्थित जेल स्टाफ एवं कैदियों को संबोधित किया। उन्होंने सेंट्रल जेल में जेलर सूबेदार यादव, परामर्शदाता आईसीटीसी अरविंद सिंह, लैब टेक्नीशियन अखिलेश कुमार, डा.आशीष मिश्रा समेत जेल के अन्य सरकारी स्टाफ को सरकारी कार्यों में ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करने पर उत्कृष्ट योगदान के लिए मंत्री ने सम्मानित किया। इस अवसर पर सेंट्रल जेल में डीआईजी जेल अरविंद कुमार को भी प्रेसिडेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

केंद्रीय मंत्री ने जेल हॉस्पिटल में निरीक्षण के दौरान फिजियोथेरिपी यूनिट का निरीक्षण किया और हॉस्पिटल में भर्ती कैदियों से वार्ता की। सेंट्रल जेल के अंदर जड़ी बूटियों की वाटिका तथा उद्योग सिलाई केंद्र एवं हथकरघा प्रशिक्षण केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने सेंट्रल जेल के गौशाला एवं गौ सेवा का कार्य भी निरीक्षण किया। इस अवसर पर मंत्री कौशल किशोर ने उपस्थित जेल स्टाफ एवं कैदियों को अपनी जिंदगी में नशा न करने और अपना परिवार नशामुक्त परिवार रखने का संकल्प कराया। इस दोष उन्होंने सेंट्रल जेल में महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित कर नमन किया।

केंद्रीय राज्यमंत्री ने जेल स्टाफ व कैदियों को संबोधित करते स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धांजली अर्पित करते हुए कहा कि वर्ष 1921 में अंग्रेजों के दमन के दौर में पंद्रह साल के क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी पर वाराणसी सेंट्रल जेल में अंग्रेजो द्वारा इसी जगह पर 15 कोड़े बरसाए गए थे। चंद्रशेखर जी से अंग्रेजो द्वारा उनका नाम पूछा गया तो उन्होंने अपना नाम आजाद, मां का नाम धरती मां, पिता का नाम स्वतंत्रता और घर जेल बताया था और भारत माता की जय बोलते हुए कोड़े खाते रहे। सेंट्रल जेल से निकलने के बाद चंद्रशेखर आजाद जी को कभी अंग्रेज पकड़ नहीं पाए। सेंट्रल जेल बनारस में अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद जी सहित 1369 क्रांतिकारी बंद रहे। सभी को कोटि कोटि नमन जिनके बदौलत आज हम सब आज़ादी की हवा में साँस ले रहे हैं।


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