सूबे की सरकार द्वारा नमो घाट सहित बेनियाबाग, टाउनहाल में 10 रूपये टिकट लगाते ही पूरे शहर में खलबली सी मच गई। विपक्ष ने यह टिकट का बड़ा मुददा उठाया है, इसी सिलसिले में जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल व महानगर कांग्रेस कमेटी के महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे संयुक्त रूप से कहा कि नगर निगम क्षेत्र के बेनियाबाग, नमो घाट, टाउनहाल में प्रवेश के लिए 10 रुपया का टिकट लगेगा। अब यह तानाशाह सरकार बनारस से बनारसीपन खत्म करना चाहती है, सामूहिक स्थलों पर टिकट लगाना गलत है यह पूर्ण रूप से सामूहिक स्थलों, धर्मिक स्थलों, आस्था का व्यवसायिकरण किया जा रहा है। नमो घाट जो पहले खिड़कियां घाट के नाम से मशहूर था वहां ब्रांडिंग के आधार पर नमो घाट नाम किया गया। हाल तो यह है शर्म और धर्म दोनों को भाजपा ने बेच दिया है। काशी आस्था का केंद्र है और मोदी-योगी सरकार ने इसे व्यवसाय लूट-पाट का केंद्र बना दिया। जनता पहले ही महंगाई, टैक्स के बोझ से परेशान है ऐसे में राहत देने के बजाय रोज-रोज नया नया हथकंडा अपना कर जनता को परेशान किया जा रहा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, काशी नगर की स्थापना भगवान शिवजी ने की थी, जिस कारण ये आज एक महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। ये हिन्दुओं की पवित्र सप्तपुरियों में से एक है। स्कंद पुराण, रामायण एवं महाभारत सहित प्राचीनतम ऋग्वेद सहित कई हिन्दू ग्रन्थों में काशी का उल्लेख आता है। बनारस अपनी जिस मस्ती के लिए जाना जाता है उस मस्ती को जीने वालों की एक लंबी श्रृंखला है और टिकट वसूली के जरिये उस श्रृंखला को खत्म किया जा रहा है। सरकार बनारसीपन को वसूलीपन के तरफ ले जा रही है जिसकी जितनी निन्दा की जाए कम है, टिकट लगने का फैसला वापिस नही हुआ तो कांग्रेस पार्टी जनहित में काशी हित मे जनआंदोलन के लिए बाध्य होगी क्योंकि कांग्रेस काशी से काशी की आत्मीयता को नष्ट होते नही देख सकती है। हम काशी को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे व गोरे अंग्रेजो की तरह शुल्क लगाने वाले तानाशाह भाजपा सरकार को घेरेंगे। कांग्रेस पार्टी इस फैसले का घोर विरोध करती है, सामूहिक स्थलों पर ऐसे शुल्क लगाना नही चलेगा।