वाराणसी, राकेश त्रिपाठी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में वाराणसी के दक्षिणी विधानसभा से की थी । राकेश मूलत: चकीया बबुरी के रहने वाले है । जिनकी माता जी व पिता जी दोनों ही शिक्षा क्षेत्र से जुड़े रहे । राकेश त्रिपाठी का जन्म वाराणसी में हुआ और यहीं वो शिक्षा भी प्राप्त किये । व्यापार में उन्होंने महाराष्ट्र के कैपिटल सिटी मुबंई को चुना । वहां पहुंच कर राकेश त्रिपाठी ने व्यापार में सफलता के परचम लहराया । सन 2017 में काशी की जनता की सेवा करने के उद्देश्य से इन्होंने राजनीति में उतरने का फैसला किया और बसपा के टिकट पर वाराणसी के दक्षिणीं विधानसभा से पर्चा दाखिल किया था । वाराणसी के राजनीतिक इतिहास में पहली बार कोई ऐसा प्रत्याशी उतरा था जिसने अपने प्रचार में किसी भी राजनीतिक पार्टी की कभी भी बुराई नही की । और पहली बार यह हुआ कि कोई प्रत्याशी हारने के बाद भी सभी में लेकप्रिय रहा । राकेश त्रिपाठी के इसी सहृदय राजनीति की ही देन रही की भाजपा पार्टी से शिवपुर विधानसभा से विजयी प्रत्याशी अनिल राजभर ने उन्हें भाजपा पार्टी के करीब लाने में महती भूमिका निभाई । सदस्यता ग्रहण करने के बाद टेलिफोन पर क्लाउन टाइम्स के साथ एक अनौपचारिक बात-चीत में भाजपा में जाने के पीछे की वजह नरेन्द्र मोदी और उनके द्वारा देश, प्रदेश, समाज व वंचितों के लिए बिना भेद-भाव के उनके हित के लिए काम करना बताया । चुनाव लड़ने के सवाल पर राकेश त्रिपाठी नें कहा कि यह पार्टी सोचेगी, पर मैनें मोदी जी के सेवा कार्य से प्रभावित होकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है । बहरहाल दिनांक 14 अप्रैल 2019 को लखनऊ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेन्द्रनाथ पाण्डेय नें जन लोकप्रिय स्वच्छ छवि समाज सेवक के रूप मे समाज मे अपना छाप छोड़ने वाले राकेश त्रिपाठी को हजारों कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराया ।
जिसमें मुख्य रूप से डॉक्टर राजेश त्रिपाठी, डॉ बिना त्रिपाठी, संजय कुमार तिवारी, पंकज वर्मा, बिजेंद्र कुमार सोनकर, गुरुदयाल राजभर, आशीष राजभर, रवि गुप्ता, प्रिंस यादव, प्रदीप कुमार सिंह, रामअवतार पांडेय आदि ने भी सदस्यता ग्रहण किया।