नीलामी की एसी बेचने के लिए लेने के बाद धोखाधड़ी करते हुए पैसे का भुगतान नही करने के मामले में आरोपित को बड़ी राहत मिल गयी। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पंचम) की अदालत ने आरोप सिद्ध न होने पर कमच्छा, भेलूपुर निवासी आरोपित रमेश कुमार को साक्ष्य के आभाव में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता रेयाजुद्दीन उर्फ बंटी खान ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार तेलियाना, चेतगंज निवासी विजय कुमार गुप्ता ने अदालत में परिवाद दाखिल किया था। जिसमे कहा गया था कि परिवादी नीलामी के सामानों को खरीद कर उसका बिक्री करता है।आरोप था कि 20 अगस्त 1987 को परिवादी ने डीएलडब्ल्यू से 6 एयर कण्डीशनर नीलामी में खरीदा। उक्त सामानों की बिक्री के लिए उसने प्रकाश रेफ्रिजेशन के मालिक से बात किया। जिसपर रमेश ने उसे बेचने के लिए अपने पास रख लिया। कुछ दिनों बाद पूछने पर रमेश ने कहा कि एसी बिक नहीं रह है। इसके लिए विज्ञापन निकलवाने को कहा। कई बार विज्ञापन निकला। उसके कुछ दिनों बाद जब परिवादी रमेश के दुकान पर पहुंचा तो देखा कि वहां एसी नहीं है। इस पर उसने पूछा तो रमेश ने बताया कि एसी बिक गया है। इस पर परिवादी ने अपने हिस्से के 48000 रुपये की मांग की तो रमेश टालमटोल करने लगा। कई दिनों तक तगादा करने के बाद उसने परिवादी को 12 हजार का चेक दिया, जो स्टॉप पेमेंट होने की वजह ने कैश नहीं हुआ। इस पर जब उसने रमेश से पैसे की मांग की तो वह पैसे देने से इनकार कर दिया। इस मामले में उसने पुलिस को तहरीर दी, लेकिन जब पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं कि तो उसने अदालत की शरण ली। अदालत ने इस मामले में परिवाद दर्ज किया था।