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कांग्रेस मजबूती से हर सीट पर चुनाव लड़ेगी : ललितेशपति त्रिपाठी

संजय कुमार मिश्र

 12/Apr/19

कांग्रेस मजबूती से हर सीट पर चुनाव लड़ेगी : ललितेशपति त्रिपाठी

मिर्जापुर संसदीय सीट किसी समय कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा जहां से ललितेशपति त्रिपाठी को कांग्रेस पार्टी नें अपना प्रत्याशी घोषित किया है । बताते चलें ललितपति यहां के मड़िहान विधानसभा से कांग्रेस के विधायक रह चुके है और स्वतंत्रता संग्राम से लेकर स्वतंत्र भारत में उ.प्र. के मुख्यमंत्री, रेलमंत्री पदों को सुशोभित कर चुके स्व. पंडित कमलापति त्रिपाठी के परिवार के युवा पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते है ।
लोकसभा चुनाव 2019 में क्या होगा और क्‍या होगा वाराणसी, मिर्जापुर सहित पूर्वांचल के 26 सीटों पर समीकरण । इस पर ललितेशपति त्रिपाठी से क्लाउन टाइम्स नें अनौपचारिक बात-चीत की तो ललितेशपति त्रिपाठी नें बताया कि कांग्रेस सभी 27 सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ रही है तो कुछ सीटें गठबंधन के प्रत्याशियों के लिए छोड़ी गई है जैसे जन अधिकार पार्टी के बाबू राम कुशवाहा तो कृष्णा गुट अपनादल के  लिए । इस गठबंधन पर ललितेशपति कहते है कि इन स्थानों पर इनके जातिगत वोटों की बहुतायत है जिसका सीधा फायदा होगा । उन्होंने कहा कि मिर्जापुर, चंदौली, भदोही और वाराणसी में अभी से माना जा रहा है कि लड़ाई कांग्रेस और उसके गठबंधन पार्टीयों के ही उम्मीदवार से होगी ।
भाजपा द्वारा मिर्जापुर में बांण सागर बांध परियोजनां में हुई देरी के आरोपों का जवाब देते हुए ललितेशपति त्रिपाठी नें कहा कि भाजपा झूठ बोल रही है बांण सागर परियोजना का प्रस्‍ताव 1973-74 में लाया गया था । 77 में मोरारजी देसाई नें इस परियोजना का शिलान्यास किया था और सत्ता परिवर्तन हो गया था । फिर सन 80 में उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार में कांग्रेस की सरकार नें परियोजना पर कार्य शुरू किया जब 94 में दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो इस पर काम किया गया और 2004 में भाजपा पार्टी के सत्ता से जाने के बाद एमपी के सीएम शिवराज बने और इसका उद्घाटन किया था । चूंकि तब से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं है तो यह आरोप गलत लगाया जा रहा है कि कांग्रेस सरकार ने परियोजनां को विलंबित किया । बल्कि मैं यह कह रहा हूं कि बांणसागर परियोजना के तहत आने वाले सिमेंट को अधिकारियों के घर व कई नई कालोनियों के निर्माण में लगा दिया गया ।
मिर्जापुर संसदीय क्षेत्र की बात करें तो स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री अनुप्रिया पटेल के इस संसदीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा कुपोषण है । मिर्जापुर के सरकारी अस्पताल में एक्स-रे मशीन तक नहीं है अन्य सुविधाओं के बारे में क्या कहें । राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच -7 के निर्माण में किसानों के मुआवजे का भुगतान आजतक नहीं किया गया और  यह 100 किलोमीटर का क्षेत्र है । मिर्जापुर का पीतल उद्योग खत्म होने के कागार पर है, तो चुनार के मिट्टी से बनने वाले बर्तनों वाले उद्योग भी समाप्ति के कगार पर खड़ा है ।

पांच साल बीत गए पर उद्योग व रोजगार के लिए कुछ नहीं किया गया एकमात्र रोजगार देने वाले सिमेंट फैक्ट्री व खनन भी बदहाल है और यही मुद्दा है इस बार लोकसभा चुनाव में । रही बात वाराणसी में मोदी के खिलाफ कौन लड़ेगा ? तो कांग्रेस या उसकी अलायंस पार्टी में से कोई प्रत्याशी हो सकता है । 

 


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