बैंककर्मी महेश जायसवाल हत्याकांड में अभियोजन पक्ष द्वारा पूर्व सांसद जवाहर लाल जायसवाल के भाई विजय जायसवाल को बतौर आरोपित तलब किये जाने के मामले में अदालत से राहत मिल गयी। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) की अदालत ने अभियोजन व वादी पक्ष की अपील पर आपत्ति करने के लिए विजय जायसवाल की ओर से दी गई प्रार्थना पत्र को सुनवाई के बाद मंजूर करते हुए वादी व अभियोजन पक्ष का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया। साथ ही इस मामले में प्रभारी निरीक्षक कैंट को 6 जुलाई को साक्षी को पर्याप्त सुरक्षा में अदालत के समक्ष साक्ष्य के लिए उपस्थित कराने का निर्देश दिया। इसके साथ ही अदालत ने साक्षी की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए अपर पुलिस आयुक्त वरुणा जोन/नोडल अभियोजन अधिकारी प्रबल प्रताप सिंह को आदेश की प्रति भेजने का निर्देश दिया है। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, बृजपाल सिंह यादव व कृष्णा यादव ने पक्ष रखा।
प्रकरण के मुताबिक थाना कैंट के अर्दली बाजार निवासी महेश प्रसाद जायसवाल की 23 अप्रैल 2012 में सरे आम गोलियां चलाकर सनसनीखेज तरीके से हत्या कर दी गई थी। उस समय महेश स्कूटर से सब्जी लेने के लिए निकला था। वापस लौटते समय रास्ते में बदमाशों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी। इस संबंध में कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। विवेचना के दौरान अन्य आरोपितों के साथ पूर्व सांसद जवाहर जायसवाल व उसके बेटे गौरव जायसवाल का नाम भी प्रकाश में आया। मुकदमे के गवाह द्वारा दिए गए बयान के आधार पर वादी पक्ष ने जवाहर जायसवाल के भाई विजय जायसवाल को बतौर आरोपित अदालत में तलब करने की अपील किया था।