अपर सिविल जज (जू.डि. नवम)/न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में सरकारी ड्राइवर की नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए ऐंठ लेने के मामले में मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश शिवपुर थानाध्यक्ष को दिया है। साथ ही अदालत ने की गई कार्यवाही से न्यायालय को अवगत कराने का भी आदेश दिया है। अदालत ने यह आदेश बेनीपुर, चोलापुर निवासी आकाश सिंह के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद दिया।
प्रकरण के अनुसार आकाश सिंह ने अपने अधिवक्ता संजय कुमार सिंह के जरिए अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप था की महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के समाजशास्त्र विभाग में रीडर पद से सेवानिवृत हुए सरसौली, भोजूबीर निवासी डा. अरविंद प्रताप सिंह से कार चलाने के दौरान वादी की मुलाकात हुई। जिस पर अरविंद सिंह ने उससे कहा की वह उसकी नौकरी सरकारी ड्राइवर के पद पर काशी विद्यापीठ में लगवा देंगे। इस दौरान दो-तीन दिन उसे विश्वास में लेकर आफिस में अधिकारी के चैंबर में बुलाया और उसका मार्कशीट बी ड्राइविंग लाइसेंस की छायाप्रति लिया। साथ ही बताया कि अधिकारी से बात हो गई है। पांच लाख रुपया मांग रहे थे, बहुत मेहनत करके मैंने साढ़े तीन लाख में बात कर ली है। उनके झांसे में आकर वादी ने किसी तरह व्यवस्था करके डा. अरविंद प्रताप सिंह के बताए स्थान पर पहुंचकर 1.70 हजार रूपए दिया। उसके बाद 25 हजार, 20 हजार और फिर 25 हजार रुपए मिलाकर कुल 2.40 लाख रुपए दिए। पैसा देने के बाद जब मिलने के लिए कहता तो उनके द्वारा कहा जाता की अभी रोक है, दो-चार महीने में हो जायेगा। जब काफी दिन बीत गया और नौकरी नहीं मिली तो वह परेशान होकर अपना पैसा वापस मांगा तो वह टालमटोल करने लगे और उससे मिलने से कतराने लगे। इस बीच 12 मई 2022 को डा. अरविंद प्रताप सिंह से वादी उदय प्रताप कालेज के गेट पर मिला और अपने पैसे वापस मांगे तो वह गालियां देते जान से मारने व झूठे व फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगे। इसकी शिकायत वादी ने शिवपुर पुलिस से की, लेकिन जब पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की तो थकहार कर उसने अदालत की शरण ली।