पुरानी रंजिश को लेकर जातिसूचक गालियां देते हुए मारने-पीटने के मामले में तीन आरोपितों को जमानत मिल गयी। विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) अनुरोध मिश्र की अदालत ने आरोपित मंडुआडीह निवासी अशोक यादव, उनकी पत्नी बबली यादव व एक अन्य किरन यादव को 50-50 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया है। अदालत में बचाव पक्ष की ओर अधिवक्ता विकास सिंह, चंद्रबली पटेल व अजय पाल ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार मंडुआडीह के रुद्र नगर कॉलोनी निवासी राम प्रसाद ने 27 अक्टूबर 2021 को मंडुआडीह थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि उसके पड़ोस में रहने वाले अशोक यादव घर से निकलते समय आएदिन उसे जातिसूचक कमेंट करते थे। इस बीच 27 अक्टूबर 2021 को वह जैसे ही घर से बाहर निकला तो अशोक यादव ने उसे बुलाया। वह जैसे ही उसके पास पहुंचा तो पहले से तय प्लानिंग के तहत उसके पहुंचते ही वह उसे गालियां देने लगा और मारने-पीटने लगे। चिल्लाने पर इसकी पत्नी जब बाहर आई तो अशोक यादव, उसकी पत्नी बबली याद व किरन यादव ने उसे भी घसीटते हुए मारने-पीटने लगे। इस बीच जब उसकी बेटी बीचबचाव करने पहुंची तो उसे भी मार और जान से मारने की धमकी दिया। इस मामले में पुलिस ने अशोक यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ताओं ने दलील दी कि उन्हें रंजिशवश फर्जी ढंग से आरोपित बनाया गया है। उनकी सभी चोटें भी सामान्य प्रकृति की है। अदालत ने पत्रावली व साक्ष्यों के अवलोकन के बाद आरोपितों को जमानत दे दी।